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#childhood_memories #কবিতা #Nostalgia #Memories  

মনে পড়ে, ফেলে আসা রোববারের দুপুর,
ঘুমন্ত শহরে এগিয়ে চলে নিস্তব্ধ নুপুর।
ছোটো বলে পাতে না পড়া সবকটা পদ,
চুপিসারে পাচার হয় রান্নাঘরের সম্পদ।
আচারের বয়াম খালি, চানাচুরের শিশি কই,
আমূল চোর পড়লে ধরা, সারা বাড়ি হইহই।

©Udayan Dutta (শ্রীসূক্ত উদয়ন)
#poem  क्या करोगे


 यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे
मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे,
 मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो,
 हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे
कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल 
 जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, 
या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे
बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में
 ताउम्र साथ चल पाओगे 

क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, 
या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे

©Capital_Jadon

#poem

135 View

वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

17 Love

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#Yaad❤️ #Happiness #Nostalgia #bachapan #yaadein  उसकी बातों में मासूमियत क्या खूब झलकती थी 
चाँद तारों परियों और रानी की दुनिया में वो रहती थी 
उसकी चेहरे पर काजल रात्रि सी सुकून थी 
हाथों में सिक्के लिए वो सपने सब हासिल कर लेने की बुनती थी 
वो बचपन की गुड़िया रानी घर में सबकी मुस्कान का गुल्लक थी

©anjali chaudhary

बांगडीची कीन कीन नी मोगऱ्याचा गंध शब्दात भिजवतो आहे... डबडबुन डोळे दुःख प्रेमाने सोसतो आहे आठवणींणा तुझ्या मी सरनावरती ठेवतो आहे... सरकावुन रक्ताळलेले गुलाब नी शब्दसारे, अर्धवट कवीतांना मुठमाती देतो आहे ... रुसले सारे पत्र जरी त्यास पत्रावळी करतो आहे भिजलेले हृदय सुखावण्यास स्वप्न माझे जाळतो आहे आठवणींणा तुझ्या मी सरनावरती ठेवतो आहे.... ©Kartik Choure

#मराठीकविता #poem  बांगडीची कीन कीन नी
मोगऱ्याचा गंध
शब्दात भिजवतो आहे...
डबडबुन डोळे दुःख
प्रेमाने सोसतो आहे
आठवणींणा तुझ्या मी
सरनावरती ठेवतो आहे...
सरकावुन रक्ताळलेले गुलाब 
नी शब्दसारे,
अर्धवट कवीतांना
मुठमाती देतो आहे ...
रुसले सारे पत्र जरी
त्यास पत्रावळी करतो आहे
भिजलेले हृदय सुखावण्यास
स्वप्न माझे जाळतो आहे
आठवणींणा तुझ्या मी 
सरनावरती ठेवतो आहे....

©Kartik Choure

#poem

10 Love

#childhood_memories #কবিতা #Nostalgia #Memories  

মনে পড়ে, ফেলে আসা রোববারের দুপুর,
ঘুমন্ত শহরে এগিয়ে চলে নিস্তব্ধ নুপুর।
ছোটো বলে পাতে না পড়া সবকটা পদ,
চুপিসারে পাচার হয় রান্নাঘরের সম্পদ।
আচারের বয়াম খালি, চানাচুরের শিশি কই,
আমূল চোর পড়লে ধরা, সারা বাড়ি হইহই।

©Udayan Dutta (শ্রীসূক্ত উদয়ন)
#poem  क्या करोगे


 यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे
मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे,
 मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो,
 हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे
कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल 
 जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, 
या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे
बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में
 ताउम्र साथ चल पाओगे 

क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, 
या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे

©Capital_Jadon

#poem

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वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

17 Love

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#Yaad❤️ #Happiness #Nostalgia #bachapan #yaadein  उसकी बातों में मासूमियत क्या खूब झलकती थी 
चाँद तारों परियों और रानी की दुनिया में वो रहती थी 
उसकी चेहरे पर काजल रात्रि सी सुकून थी 
हाथों में सिक्के लिए वो सपने सब हासिल कर लेने की बुनती थी 
वो बचपन की गुड़िया रानी घर में सबकी मुस्कान का गुल्लक थी

©anjali chaudhary

बांगडीची कीन कीन नी मोगऱ्याचा गंध शब्दात भिजवतो आहे... डबडबुन डोळे दुःख प्रेमाने सोसतो आहे आठवणींणा तुझ्या मी सरनावरती ठेवतो आहे... सरकावुन रक्ताळलेले गुलाब नी शब्दसारे, अर्धवट कवीतांना मुठमाती देतो आहे ... रुसले सारे पत्र जरी त्यास पत्रावळी करतो आहे भिजलेले हृदय सुखावण्यास स्वप्न माझे जाळतो आहे आठवणींणा तुझ्या मी सरनावरती ठेवतो आहे.... ©Kartik Choure

#मराठीकविता #poem  बांगडीची कीन कीन नी
मोगऱ्याचा गंध
शब्दात भिजवतो आहे...
डबडबुन डोळे दुःख
प्रेमाने सोसतो आहे
आठवणींणा तुझ्या मी
सरनावरती ठेवतो आहे...
सरकावुन रक्ताळलेले गुलाब 
नी शब्दसारे,
अर्धवट कवीतांना
मुठमाती देतो आहे ...
रुसले सारे पत्र जरी
त्यास पत्रावळी करतो आहे
भिजलेले हृदय सुखावण्यास
स्वप्न माझे जाळतो आहे
आठवणींणा तुझ्या मी 
सरनावरती ठेवतो आहे....

©Kartik Choure

#poem

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