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New गौरी बतायेंगे Status, Photo, Video

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#नवरात्रि #महागौरी #उपासना #शक्ति #भक्ति #navaratri2024  महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I
सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II
.
श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I
श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II
.
दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I
डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II
.
माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I
बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II
.
आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I
जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II
.
शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I
माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II
.
शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I
दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II
.
दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I
माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II
.
माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I
कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II
.
गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I
जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II
.
हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I
माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II
.
महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I
गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II

©Shivkumar

#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्

153 View

#कविता  मैं "देवी" के दर्शन करके धन्य हो गया।
मुझ पर देवी की कृपा यूं ही बनी रहे।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

जय अम्बे गौरी

117 View

जय माता महागौरी🙏 श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। ©Gulab Malakar

#श्वेते #navratri #Bhakti  जय माता महागौरी🙏

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
 या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

©Gulab Malakar

#navratri #श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।   2- या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थित

14 Love

ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव! एक केशर विलेपित कोमल कमल राजकन्या, शोभित न्यारी ललित ललाट, दिव्य छविधारी गौरी प्यारी। दूजे शोभित हैं भभूत,विषधर नीलकंठ मुंडमाल से भरा कंठ, धारण किए चंद्र चमक रहा मस्तक, जटाधारी केश,भाल त्रिनेत्र बर्फाच्छादित निवास क्षेत्र। पर्वतपुत्री शोभित न्यारी कनक बसन कंचुकी सजाए, स्वर्ण आभूषण शोभा भाए, हृदय में शिव को बसाए, एक ही हठ वर बने शिवशंकर जाती कैलाश शिखर निष्ठावान प्रेम संकल्प लिए शैल सुता पूजती शिवलिंग, अन्न जल त्याग प्रेमरस भींग, वैरागी शिव के हृदय में कर प्रेम जागृत, किया शक्ति ने स्वयं को समर्पित। ©||स्वयं लेखन||

#विचार #Life_experience #thought  ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव!


एक केशर विलेपित कोमल 
कमल राजकन्या,

शोभित न्यारी ललित ललाट, 
दिव्य छविधारी गौरी प्यारी।

दूजे शोभित हैं भभूत,विषधर
नीलकंठ मुंडमाल से भरा कंठ, 

धारण किए चंद्र चमक रहा 
मस्तक,

जटाधारी केश,भाल त्रिनेत्र 
बर्फाच्छादित निवास क्षेत्र।
  
पर्वतपुत्री शोभित न्यारी
कनक बसन कंचुकी सजाए,

स्वर्ण आभूषण शोभा भाए,

हृदय में शिव को बसाए,

एक ही हठ वर बने शिवशंकर
जाती कैलाश शिखर 

निष्ठावान प्रेम संकल्प लिए 
शैल सुता पूजती शिवलिंग,

अन्न जल त्याग प्रेमरस भींग,

वैरागी शिव के हृदय में कर प्रेम 
जागृत,

किया शक्ति ने स्वयं को समर्पित।

©||स्वयं लेखन||

ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव! एक केशर विलेपित कोमल कमल राजकन्या, शोभित न्यारी ललित ललाट, दिव्य छविधारी गौरी प्यारी।

15 Love

कंठ के अंदर हलाहल है समाया मस्तक पर है चंद्र सजाया गौरा भी है साथ विराजी भूतों की है टोली साजी नंदी भी सज धज के हैं आए देव लोक मे खुशियों का निमंत्रण है लाए चारों ओर ढोल नगाड़े बजे हैं भोले नाथ भी आज खुब़ जचे हैं पूरा कैलाश है जगमगाया पूरा जग शिव -गौरा का विवाह मनाने आया ©Harpinder Kaur

 कंठ के अंदर हलाहल है समाया
मस्तक पर है चंद्र सजाया
गौरा  भी है साथ विराजी
भूतों की है टोली साजी
नंदी भी सज धज के हैं आए
देव लोक मे खुशियों का
निमंत्रण है लाए
चारों ओर ढोल नगाड़े
बजे हैं
भोले नाथ भी आज खुब़ जचे हैं
पूरा कैलाश है जगमगाया
पूरा जग शिव -गौरा
का विवाह मनाने आया

©Harpinder Kaur

# प्रिय शिव की प्रिय गौरी

15 Love

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।। हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज । हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।। आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान । शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।। गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास । देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।। आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार । देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।। ०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।

गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास ।
देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।।

आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार ।
देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।।

०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।। हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज । हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे

10 Love

#नवरात्रि #महागौरी #उपासना #शक्ति #भक्ति #navaratri2024  महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I
सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II
.
श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I
श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II
.
दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I
डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II
.
माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I
बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II
.
आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I
जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II
.
शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I
माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II
.
शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I
दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II
.
दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I
माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II
.
माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I
कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II
.
गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I
जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II
.
हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I
माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II
.
महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I
गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II

©Shivkumar

#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्

153 View

#कविता  मैं "देवी" के दर्शन करके धन्य हो गया।
मुझ पर देवी की कृपा यूं ही बनी रहे।।

©मनोज कुमार झा "मनु"

जय अम्बे गौरी

117 View

जय माता महागौरी🙏 श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।। या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। ©Gulab Malakar

#श्वेते #navratri #Bhakti  जय माता महागौरी🙏

श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
 या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

©Gulab Malakar

#navratri #श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।   2- या देवी सर्वभू‍तेषु मां गौरी रूपेण संस्थित

14 Love

ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव! एक केशर विलेपित कोमल कमल राजकन्या, शोभित न्यारी ललित ललाट, दिव्य छविधारी गौरी प्यारी। दूजे शोभित हैं भभूत,विषधर नीलकंठ मुंडमाल से भरा कंठ, धारण किए चंद्र चमक रहा मस्तक, जटाधारी केश,भाल त्रिनेत्र बर्फाच्छादित निवास क्षेत्र। पर्वतपुत्री शोभित न्यारी कनक बसन कंचुकी सजाए, स्वर्ण आभूषण शोभा भाए, हृदय में शिव को बसाए, एक ही हठ वर बने शिवशंकर जाती कैलाश शिखर निष्ठावान प्रेम संकल्प लिए शैल सुता पूजती शिवलिंग, अन्न जल त्याग प्रेमरस भींग, वैरागी शिव के हृदय में कर प्रेम जागृत, किया शक्ति ने स्वयं को समर्पित। ©||स्वयं लेखन||

#विचार #Life_experience #thought  ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव!


एक केशर विलेपित कोमल 
कमल राजकन्या,

शोभित न्यारी ललित ललाट, 
दिव्य छविधारी गौरी प्यारी।

दूजे शोभित हैं भभूत,विषधर
नीलकंठ मुंडमाल से भरा कंठ, 

धारण किए चंद्र चमक रहा 
मस्तक,

जटाधारी केश,भाल त्रिनेत्र 
बर्फाच्छादित निवास क्षेत्र।
  
पर्वतपुत्री शोभित न्यारी
कनक बसन कंचुकी सजाए,

स्वर्ण आभूषण शोभा भाए,

हृदय में शिव को बसाए,

एक ही हठ वर बने शिवशंकर
जाती कैलाश शिखर 

निष्ठावान प्रेम संकल्प लिए 
शैल सुता पूजती शिवलिंग,

अन्न जल त्याग प्रेमरस भींग,

वैरागी शिव के हृदय में कर प्रेम 
जागृत,

किया शक्ति ने स्वयं को समर्पित।

©||स्वयं लेखन||

ॐ नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव! एक केशर विलेपित कोमल कमल राजकन्या, शोभित न्यारी ललित ललाट, दिव्य छविधारी गौरी प्यारी।

15 Love

कंठ के अंदर हलाहल है समाया मस्तक पर है चंद्र सजाया गौरा भी है साथ विराजी भूतों की है टोली साजी नंदी भी सज धज के हैं आए देव लोक मे खुशियों का निमंत्रण है लाए चारों ओर ढोल नगाड़े बजे हैं भोले नाथ भी आज खुब़ जचे हैं पूरा कैलाश है जगमगाया पूरा जग शिव -गौरा का विवाह मनाने आया ©Harpinder Kaur

 कंठ के अंदर हलाहल है समाया
मस्तक पर है चंद्र सजाया
गौरा  भी है साथ विराजी
भूतों की है टोली साजी
नंदी भी सज धज के हैं आए
देव लोक मे खुशियों का
निमंत्रण है लाए
चारों ओर ढोल नगाड़े
बजे हैं
भोले नाथ भी आज खुब़ जचे हैं
पूरा कैलाश है जगमगाया
पूरा जग शिव -गौरा
का विवाह मनाने आया

©Harpinder Kaur

# प्रिय शिव की प्रिय गौरी

15 Love

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।। हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज । हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।। आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान । शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।। गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास । देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।। आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार । देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।। ०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ ।
मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।।

हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज ।
हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे राज ।।

आयी है शिवरात्रि ये , भक्त करे यशगान ।
शिवशंभू ये देख कर , देते हैं वरदान ।।

गौरी-शंकर आज तो , छोड़ दिए कैलास ।
देख रहे करके भ्रमण , भक्तो के आवास ।।

आयी माँ गौरी यहाँ , होकर सिंह सवार ।
देख रही हैं भक्त का , वह अपने घर द्वार ।।

०८/०२/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आओ भोलेनाथ जी , घर नंदी के साथ । मिलकर अब सेवा करे , देखो दोनो हाथ ।। हर हर गंगे जप चले , नभ तक हो आवाज । हे त्रिपुरारी आपका , पूर्ण जगत पे

10 Love

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