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#चुनाव #देरी  White लंगड़ी चौथी टंगड़ी ....
के बर -अक्स लंगड़ी सरकार...
संविधान -लोकतंत्र के समुचित आधार,
जनता प्रजा नहीं है,
शासक राजा नहीं है।
चुनाव और नतीजा
..... और सरकार बनने में देरी 😂😂😂

©BANDHETIYA OFFICIAL

#देरी

144 View

White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

15 Love

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।। भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।। बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।। हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।। करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।। वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।। बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।। मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।। न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।। सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।। तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।। नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।। करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विजात छन्द :-

हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।।
हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।।
बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।।

हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।।
करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।।

वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।।
बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।।

मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।।
न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।।

सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।।
तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।।

नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।।
करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

13 Love

तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली आया माँ कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ ©Mahadev Son

#Bhakti  तेरी शान निराली है माँ मन का
अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ 
 
छुड़ा के सब मोह माया के बंधन,
चरणों के पास अपने बुलाओ माँ 

खाली झोली बनके सवाली आया माँ 
कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों  

पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता 
बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ 

श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ 
विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ

©Mahadev Son

तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली

13 Love

#चुनाव #देरी  White लंगड़ी चौथी टंगड़ी ....
के बर -अक्स लंगड़ी सरकार...
संविधान -लोकतंत्र के समुचित आधार,
जनता प्रजा नहीं है,
शासक राजा नहीं है।
चुनाव और नतीजा
..... और सरकार बनने में देरी 😂😂😂

©BANDHETIYA OFFICIAL

#देरी

144 View

White संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।। पीडा समीप में डोले । तो राम राम वे बोले ।। कान्हा कहें सुनो राधा । वो भक्त ही बना बाधा ।। मीठी लगे हमें बोली । जो प्रेम से भरें झोली ।। जो आप पास में होते तो क्यूँ भला बता रोते ।। मैं तो करूँ सदा सेवा । औ चाहता मिले मेवा ।। जो दान में मिला देखा । ये भाग्य से बनी रेखा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White संध्या छन्द :-
221    212    22

इंसान क्या नही खाता ।
क्या देखता नही दाता ।।
है अंत में जरा देरी ।
आयी न रात अंधेरी ।।

पीडा समीप में डोले ।
तो राम राम वे बोले ।।
कान्हा कहें सुनो राधा ।
वो भक्त ही बना बाधा ।।

मीठी लगे हमें बोली ।
जो प्रेम से भरें झोली ।।
जो आप पास में होते
तो क्यूँ भला बता रोते ।।

मैं तो करूँ सदा सेवा ।
औ चाहता मिले मेवा ।।
जो दान में मिला देखा ।
ये भाग्य से बनी रेखा ।।


महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

संध्या छन्द :- 221    212    22 इंसान क्या नही खाता । क्या देखता नही दाता ।। है अंत में जरा देरी । आयी न रात अंधेरी ।।

15 Love

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।। भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।। बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।। हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।। करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।। वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।। बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।। मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।। न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।। सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।। तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।। नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।। करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  विजात छन्द :-

हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।।
हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

भला सबका वही करता । सुनो विश्वास जग करता ।।
बुलावे पे नही जाना । करे जो दिल चले जाना ।।

हुआ हूँ आज दीवाना । उसी को आज सब माना ।।
करूँ क्यूँ चाहतें आधा । जपूँगा नाम नित राधा ।।

वही मुरली मनोहर है । उसी की सब धरोहर है ।।
बनूँ मैं दास मोहन का । यही अरदास जीवन का ।।

मुझे अपने शरण रखना । बुराई से बचा रखना ।।
न कलयुग की पड़े छाया । शरण तेरी चला आया ।।

सुनी तेरी कथा सारी , बहुत महिमा रही न्यारी ।।
तुम्हारे द्वार जब आऊँ, दरश हर बार मैं पाऊँ ।।

नजर जाये जिधर भी वह, रहे उजियार मधुवन वह ।।
करूँ क्यों बन्द मैं फेरी , कृपा होगी कभी तेरी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विजात छन्द :- हमारा श्याम खाटू है । हृदय मे देख टैटू है ।। हरे वो पीर सब मेरी । लगाये मत कभी देरी ।।

13 Love

तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली आया माँ कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ ©Mahadev Son

#Bhakti  तेरी शान निराली है माँ मन का
अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ 
 
छुड़ा के सब मोह माया के बंधन,
चरणों के पास अपने बुलाओ माँ 

खाली झोली बनके सवाली आया माँ 
कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों  

पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता 
बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ 

श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ 
विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ

©Mahadev Son

तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली

13 Love

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