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New समाज सुधार शायरी Status, Photo, Video

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#ज़िन्दगी #t20_worldcup_2024 #शायरी #विचार #समाज  White अफ्रीकी शेरों ने आखिरकार घुटने टेक दिए
भारत के बब्बर शेरों के आगे

©Anita Saini
#ज़िन्दगी #YourQuoteAndMine #कविता #शायरी #विचार #समाज  ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र का अमृतपान करो
हर विष हर लेंगे, हर हर महादेव का मन्त्रजाप करो।
पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएँ🌱🌸❤️
🕉️हर हर महादेव🔱🙏
~अनिता सैनी

©Anita Saini

White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है। कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर । पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है । एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर । मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है। हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में । यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी । प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है। देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को। कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए । जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा। ©Negi Girl Kammu

#कविता  White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है।

 कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर ।

पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है ।

एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर  ।

 मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है।

 हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में ।

 यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी ।

प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है।

 देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को।

कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए ।

जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा।

©Negi Girl Kammu

समाज

13 Love

#चुनाव #सुधार  White रोटी दो जून की,
दाल चार जून की,
रोटी दो जून की नहीं मिली है, नहीं मिलेगी,
दाल चार जून की नहीं गलेगी, नहीं गलेगी ।
जनता जनार्दन दो धड़ों में बंटे सर -धड़ ,
राहु -केतु , ढइया -साढ़ेसाती , शिखर -जड़ ,
सिंहासन बत्तीसी, बेताल पचीसी,
अबतक की कथा कहां तक,कबतक बाकी चलेगी?
जनमत से जनमत हारे , जीते, बराबर,
हार,जीत, कुबूल करे, झुका हो उभय सर,
पर दिखता प्रतिशोध रहा है,शोध क्यूं गतिविधि लेगी?

©BANDHETIYA OFFICIAL

#सुधार होना चाहिए।

126 View

#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

153 View

#विचार

हमारा समाज

360 View

#ज़िन्दगी #t20_worldcup_2024 #शायरी #विचार #समाज  White अफ्रीकी शेरों ने आखिरकार घुटने टेक दिए
भारत के बब्बर शेरों के आगे

©Anita Saini
#ज़िन्दगी #YourQuoteAndMine #कविता #शायरी #विचार #समाज  ॐ नमः शिवाय पंचाक्षरी मंत्र का अमृतपान करो
हर विष हर लेंगे, हर हर महादेव का मन्त्रजाप करो।
पवित्र श्रावण मास के प्रथम सोमवार की हार्दिक शुभकामनाएँ🌱🌸❤️
🕉️हर हर महादेव🔱🙏
~अनिता सैनी

©Anita Saini

White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है। कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर । पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है । एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर । मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है। हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में । यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी । प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है। देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को। कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए । जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा। ©Negi Girl Kammu

#कविता  White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है।

 कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर ।

पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है ।

एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर  ।

 मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है।

 हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में ।

 यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी ।

प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है।

 देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को।

कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए ।

जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा।

©Negi Girl Kammu

समाज

13 Love

#चुनाव #सुधार  White रोटी दो जून की,
दाल चार जून की,
रोटी दो जून की नहीं मिली है, नहीं मिलेगी,
दाल चार जून की नहीं गलेगी, नहीं गलेगी ।
जनता जनार्दन दो धड़ों में बंटे सर -धड़ ,
राहु -केतु , ढइया -साढ़ेसाती , शिखर -जड़ ,
सिंहासन बत्तीसी, बेताल पचीसी,
अबतक की कथा कहां तक,कबतक बाकी चलेगी?
जनमत से जनमत हारे , जीते, बराबर,
हार,जीत, कुबूल करे, झुका हो उभय सर,
पर दिखता प्रतिशोध रहा है,शोध क्यूं गतिविधि लेगी?

©BANDHETIYA OFFICIAL

#सुधार होना चाहिए।

126 View

#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

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#विचार

हमारा समाज

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