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New ग़ज़ल लिखने के नियम Status, Photo, Video

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#पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #शायरी #उर्दू  "हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ यानी 
हमारे दोस्तों के बेवफ़ा होने का वक़्त आया"

( I needed my friends' help today;
They were no friends, they turned away.)

©HintsOfHeart.

#पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #उर्दू ग़ज़ल के प्रसिद्ध कवि और पत्रकार।

108 View

 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

108 View

#शायरी #ग़ज़ल  White लगी आग घर  में  उसे  तो बुझा दो।
बुझा दीप घर का उसे तो जला दो।

कहां से  चले थे  कहां आ  गए  हम
जगे तम कहर की खबर को छुपा दो।

जहां  में भले  की करो बात हर-दिन 
इसी  से  जहां  से , बुरे को मिटा दो।

खुशी है जहां में न शिकवा शिकायत
भली ज़िन्दगी है जहां फिर निभा दो।

सज़ा क्या लिखा है उसे तुम मुझे भी 
लिखी तो नहीं है किसी को वफ़ा दो।

मिटा  जिंदगी  इश्क  में  आदमी है।
उसी आदमी  का मुझे तुम पता दो।

दवा से बड़ी चीज हमको मिली है।
मिटे रोग उसका कि ऐसी दवा दो।

✍️ के एल महोबिया

©K L MAHOBIA

#ग़ज़ल - के एल महोबिया

144 View

#शायरी #ग़ज़ल #BeatMusic
#शायरी #ग़ज़ल  Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. वो सुनते  हैं उनको  सुनाते रहना 
पेड़ों को अपना दुख  बताते  रहना 

घटती हो  इज़्जत तो  घटे मगर तुम 
उसकी गली  से आते  जाते  रहना 

ये  समझो इक उत्सुक्ता है मुहब्बत 
तुमने  की  है सबको  कराते रहना 

हमको मुहब्बत के  ये मानी हैं बस 
चट्टानों  को मखमल बनाते रहना

©Deep Aviral

Blue Moon ग़ज़ल रिश्ता गया था टूट,फिर से जोड़ना पड़ा। धागा उलझ गया था,तो वो तोड़ना पड़ा। मेरी समझ न आया लोगों का कुछ मिजाज़। तो खुद का रास्ता ही मुझे मोड़ना पड़ा। अकेली थी मैं और आगे काफिले मिले। सभी निकले दगाबाज उनको छोड़ना पड़ा। जो सोचा नहीं कभी,वही हर बार हुआ है। सबकी पसंद से ही खुद को जोड़ना पड़ा। चाहा जो जिंदगी में,वो मिला कभी नहीं। ना चाहते हुए भी दिल को तोड़ना पड़ा। जब झुक गई हर बार मैं रिश्तों के नाम पर। तो अपनी ख्वाहिशों को मुझे छोड़ना पड़ा। ©Dr Nutan Sharma Naval

#रिश्ता #ग़ज़ल #नूतन  Blue Moon ग़ज़ल
रिश्ता गया था टूट,फिर से जोड़ना पड़ा।
धागा उलझ गया था,तो वो तोड़ना  पड़ा।

मेरी समझ न आया लोगों का कुछ मिजाज़।
तो खुद का रास्ता ही मुझे मोड़ना  पड़ा।

अकेली थी मैं और आगे काफिले मिले।
सभी निकले दगाबाज उनको छोड़ना पड़ा।

जो सोचा नहीं कभी,वही हर बार हुआ है।
सबकी पसंद से ही खुद को जोड़ना पड़ा।

चाहा जो जिंदगी में,वो मिला कभी नहीं।
ना चाहते हुए भी दिल को तोड़ना पड़ा।

जब झुक गई हर बार मैं रिश्तों के नाम पर।
तो अपनी ख्वाहिशों को मुझे छोड़ना पड़ा।

©Dr Nutan Sharma Naval
#पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #शायरी #उर्दू  "हमें भी आ पड़ा है दोस्तों से काम कुछ यानी 
हमारे दोस्तों के बेवफ़ा होने का वक़्त आया"

( I needed my friends' help today;
They were no friends, they turned away.)

©HintsOfHeart.

#पं_हरिचंद_अख़्तर #जन्म_जयंती #उर्दू ग़ज़ल के प्रसिद्ध कवि और पत्रकार।

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 White दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले

हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले

ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले

माँ की आग़ोश में कल मौत की आग़ोश में आज
हम को दुनिया में ये दो वक़्त सुहाने से मिले

कभी लिखवाने गए ख़त कभी पढ़वाने गए
हम हसीनों से इसी हीले बहाने से मिले

इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले

एक हम ही नहीं फिरते हैं लिए क़िस्सा-ए-ग़म
उन के ख़ामोश लबों पर भी फ़साने से मिले

कैसे मानें कि उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उन के ख़त आज हमें तेरे सिरहाने से मिले

©Jashvant

ग़ज़ल ( माँ )

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#शायरी #ग़ज़ल  White लगी आग घर  में  उसे  तो बुझा दो।
बुझा दीप घर का उसे तो जला दो।

कहां से  चले थे  कहां आ  गए  हम
जगे तम कहर की खबर को छुपा दो।

जहां  में भले  की करो बात हर-दिन 
इसी  से  जहां  से , बुरे को मिटा दो।

खुशी है जहां में न शिकवा शिकायत
भली ज़िन्दगी है जहां फिर निभा दो।

सज़ा क्या लिखा है उसे तुम मुझे भी 
लिखी तो नहीं है किसी को वफ़ा दो।

मिटा  जिंदगी  इश्क  में  आदमी है।
उसी आदमी  का मुझे तुम पता दो।

दवा से बड़ी चीज हमको मिली है।
मिटे रोग उसका कि ऐसी दवा दो।

✍️ के एल महोबिया

©K L MAHOBIA

#ग़ज़ल - के एल महोबिया

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#शायरी #ग़ज़ल #BeatMusic
#शायरी #ग़ज़ल  Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. वो सुनते  हैं उनको  सुनाते रहना 
पेड़ों को अपना दुख  बताते  रहना 

घटती हो  इज़्जत तो  घटे मगर तुम 
उसकी गली  से आते  जाते  रहना 

ये  समझो इक उत्सुक्ता है मुहब्बत 
तुमने  की  है सबको  कराते रहना 

हमको मुहब्बत के  ये मानी हैं बस 
चट्टानों  को मखमल बनाते रहना

©Deep Aviral

Blue Moon ग़ज़ल रिश्ता गया था टूट,फिर से जोड़ना पड़ा। धागा उलझ गया था,तो वो तोड़ना पड़ा। मेरी समझ न आया लोगों का कुछ मिजाज़। तो खुद का रास्ता ही मुझे मोड़ना पड़ा। अकेली थी मैं और आगे काफिले मिले। सभी निकले दगाबाज उनको छोड़ना पड़ा। जो सोचा नहीं कभी,वही हर बार हुआ है। सबकी पसंद से ही खुद को जोड़ना पड़ा। चाहा जो जिंदगी में,वो मिला कभी नहीं। ना चाहते हुए भी दिल को तोड़ना पड़ा। जब झुक गई हर बार मैं रिश्तों के नाम पर। तो अपनी ख्वाहिशों को मुझे छोड़ना पड़ा। ©Dr Nutan Sharma Naval

#रिश्ता #ग़ज़ल #नूतन  Blue Moon ग़ज़ल
रिश्ता गया था टूट,फिर से जोड़ना पड़ा।
धागा उलझ गया था,तो वो तोड़ना  पड़ा।

मेरी समझ न आया लोगों का कुछ मिजाज़।
तो खुद का रास्ता ही मुझे मोड़ना  पड़ा।

अकेली थी मैं और आगे काफिले मिले।
सभी निकले दगाबाज उनको छोड़ना पड़ा।

जो सोचा नहीं कभी,वही हर बार हुआ है।
सबकी पसंद से ही खुद को जोड़ना पड़ा।

चाहा जो जिंदगी में,वो मिला कभी नहीं।
ना चाहते हुए भी दिल को तोड़ना पड़ा।

जब झुक गई हर बार मैं रिश्तों के नाम पर।
तो अपनी ख्वाहिशों को मुझे छोड़ना पड़ा।

©Dr Nutan Sharma Naval
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