tags

New लगी सावन की झड़ी Status, Photo, Video

Find the latest Status about लगी सावन की झड़ी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about लगी सावन की झड़ी.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#शायरी

सुहाना सावन बेरंग

90 View

White आरोपों की झड़ी लगा दी, लोगों ने फिर तड़ी लगा दी, देखी गई ख़ुशी ना जग से, हाथों में हथकड़ी लगा दी, ताव लगाना भूल गया वो, मूँछों में फुलझड़ी लगा दी, मूँगफली की फसलें देखी, खेतों में गिलहरी लगा दी, मच्छर ने जब राग सुनाया, हमनें भी मसहरी लगा दी, छू जाए ना दिल को यारों, बातों में मसख़री लगा दी, गुंजन उलझे थे नाहक ही, खातों में गड़बड़ी लगा दी, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#आरोपों #कविता  White आरोपों की झड़ी लगा दी, 
लोगों ने फिर तड़ी लगा दी,

देखी गई ख़ुशी ना जग से,
हाथों में  हथकड़ी लगा दी,

ताव लगाना भूल गया वो, 
मूँछों में फुलझड़ी लगा दी,

मूँगफली की फसलें देखी, 
खेतों में गिलहरी लगा दी,

मच्छर ने जब राग सुनाया, 
हमनें भी मसहरी लगा दी,

छू जाए ना दिल को यारों, 
बातों में मसख़री लगा दी,

गुंजन उलझे थे नाहक ही,
खातों में गड़बड़ी लगा दी,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#आरोपों की झड़ी लगा दी#

16 Love

घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar

#शायरी #loyalty  घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी
वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है
काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ
खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना
और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना
और कनखियों से मुझे भी देखना
मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को
और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी
सब कुछ याद है मुझे
याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के
अपनी हथेलियों को गीला कर लेना
और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके
मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना
और मेरे मन को भिगो देना.....

©Richa Dhar

#loyalty सावन की घटा

16 Love

#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

#Malgudi

बताओ किसी गाने की लाइन यह कैसी लगी.. #Malgudi

162 View

#कविता #nojotohindi #traintrack  पल्लव की डायरी
दूरिया नगर शहरो की हद में
आने लगी है
सरपट जिंदगी दौड़ लगाने लगी है
मुसाफिर बन किस्मत आजमाते
रोजगार में प्रयास रेलवे निभाने लगी है
इन पटरियों में दौड़ते सपने हम सब के
आधार जिंदगी के 
रेलवे के सैर सपाटे से 
खुशनुमा नजर आने लगे है
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#traintrack दुरिया नगर शहरो की नदजीक आने लगी है #nojotohindi

234 View

#शायरी

सुहाना सावन बेरंग

90 View

White आरोपों की झड़ी लगा दी, लोगों ने फिर तड़ी लगा दी, देखी गई ख़ुशी ना जग से, हाथों में हथकड़ी लगा दी, ताव लगाना भूल गया वो, मूँछों में फुलझड़ी लगा दी, मूँगफली की फसलें देखी, खेतों में गिलहरी लगा दी, मच्छर ने जब राग सुनाया, हमनें भी मसहरी लगा दी, छू जाए ना दिल को यारों, बातों में मसख़री लगा दी, गुंजन उलझे थे नाहक ही, खातों में गड़बड़ी लगा दी, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#आरोपों #कविता  White आरोपों की झड़ी लगा दी, 
लोगों ने फिर तड़ी लगा दी,

देखी गई ख़ुशी ना जग से,
हाथों में  हथकड़ी लगा दी,

ताव लगाना भूल गया वो, 
मूँछों में फुलझड़ी लगा दी,

मूँगफली की फसलें देखी, 
खेतों में गिलहरी लगा दी,

मच्छर ने जब राग सुनाया, 
हमनें भी मसहरी लगा दी,

छू जाए ना दिल को यारों, 
बातों में मसख़री लगा दी,

गुंजन उलझे थे नाहक ही,
खातों में गड़बड़ी लगा दी,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#आरोपों की झड़ी लगा दी#

16 Love

घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar

#शायरी #loyalty  घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी
वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है
काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ
खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना
और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना
और कनखियों से मुझे भी देखना
मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को
और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी
सब कुछ याद है मुझे
याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के
अपनी हथेलियों को गीला कर लेना
और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके
मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना
और मेरे मन को भिगो देना.....

©Richa Dhar

#loyalty सावन की घटा

16 Love

#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

#Malgudi

बताओ किसी गाने की लाइन यह कैसी लगी.. #Malgudi

162 View

#कविता #nojotohindi #traintrack  पल्लव की डायरी
दूरिया नगर शहरो की हद में
आने लगी है
सरपट जिंदगी दौड़ लगाने लगी है
मुसाफिर बन किस्मत आजमाते
रोजगार में प्रयास रेलवे निभाने लगी है
इन पटरियों में दौड़ते सपने हम सब के
आधार जिंदगी के 
रेलवे के सैर सपाटे से 
खुशनुमा नजर आने लगे है
                                     प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#traintrack दुरिया नगर शहरो की नदजीक आने लगी है #nojotohindi

234 View

Trending Topic