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New मुलजिम और मुजरिम Status, Photo, Video

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#शायरी

जो मांग ली मैंने तुमसे वो अमानत ना दे पाओगे। मैं इश्क़ का मुजरिम हूँ मेरी जमानत ना दे पओगो। 🌹VरेN🌹 Youtube: @alfazeviren

117 View

#विचार  White इज्जतदार वहीं कहलाता है।
जो इन्सान के इन्सानियत का।
कदर करता है।
ग़दार वहीं कहलाता है।
जो इन्सान का पैसा और।
सोहरत देख कदर करता है।

©ANSARI ANSARI

इज्जतदार और गद्दार।

144 View

परिणाम चाहिए , प्रयत्न कीजिए । जैसा प्रयत्न करेंगे वैसा परिणाम होगा । ©ANIL BARMAN

#मोटिवेशनल  परिणाम चाहिए , 
प्रयत्न कीजिए   ।


जैसा प्रयत्न करेंगे 
वैसा परिणाम होगा ।

©ANIL BARMAN

प्रयत्न और परिणाम

14 Love

#कविता  White दुश्मनीया और  दुशवारिया  अगर इसी तरह. आगे भी  जारी रही 

तो लगता है हम एक न एक दिन 
एक दूसरे का कत्ल करने पर आमादा हो
जायेगे

©Arora PR

दुश्मनीय और दुशवरिया

117 View

#कविता  White  कुछ लोग है इस 
जहा मे जो जुदाई  और तन्हाई  के दर्द मे भी लुत्फ़ 
ढूंढ लेते है 




उनके दर्द का लुत्फ़ और भी बढ़ जाता है ज़ब 
  उनकी तन्हाई मे 
 किसी और  का दखल  होता ही न हो

©Arora PR

दर्द और लुत्फ़

135 View

White दिन दिन करते करते ये उम्र गुज़र रही है, बीतते दिनों की यादे मन की गुल्लक में सिमट रही है, कभी कभी कोई पुरानी याद जब, झाक लेती है गुल्लक से बाहर तब, विस्मृत से कुछ चहरे, धुंधले कुछ पल, छूटी हुई राहें, गुजरे हुए वक्त, ले आते है फिर उम्र के बीते पड़ाव पर, जो हम छोड़ आए थे पीछे, बढ़ते उम्र की जिम्मेदारियों के संग, अंतर्मन जैसे गुम जाता है उन यादों में, तभी मस्तिष्क फिर खट-खट्टाता है द्वार मन के, और ले आता है भूत से वर्तमान में, मैं भी एक दिन याद बनाना चाहूंगा, और रहना चाहूंगा यादों के साथ, तब तक लड़ता रहूंगा, मन और मस्तिष्क की लड़ाई स्मृतियों के संग.... ©Ajay Chaurasiya

#मराठीकविता #मै  White दिन दिन करते करते ये उम्र गुज़र रही है,
बीतते दिनों की यादे मन की गुल्लक में सिमट रही है,
कभी कभी कोई पुरानी याद जब,
झाक लेती है गुल्लक से बाहर तब,
विस्मृत से कुछ चहरे, धुंधले कुछ पल,
छूटी हुई राहें, गुजरे हुए वक्त,
ले आते है फिर उम्र के बीते पड़ाव पर,
जो हम छोड़ आए थे पीछे,
बढ़ते उम्र की जिम्मेदारियों के संग,
अंतर्मन जैसे गुम जाता है उन यादों में,
तभी मस्तिष्क फिर खट-खट्टाता है द्वार मन के,
और ले आता है भूत से वर्तमान में,
मैं भी एक दिन याद बनाना चाहूंगा,
और रहना चाहूंगा यादों के साथ,
तब तक लड़ता रहूंगा,
मन और मस्तिष्क की लड़ाई स्मृतियों के संग....

©Ajay Chaurasiya

#मै और याद...

15 Love

#शायरी

जो मांग ली मैंने तुमसे वो अमानत ना दे पाओगे। मैं इश्क़ का मुजरिम हूँ मेरी जमानत ना दे पओगो। 🌹VरेN🌹 Youtube: @alfazeviren

117 View

#विचार  White इज्जतदार वहीं कहलाता है।
जो इन्सान के इन्सानियत का।
कदर करता है।
ग़दार वहीं कहलाता है।
जो इन्सान का पैसा और।
सोहरत देख कदर करता है।

©ANSARI ANSARI

इज्जतदार और गद्दार।

144 View

परिणाम चाहिए , प्रयत्न कीजिए । जैसा प्रयत्न करेंगे वैसा परिणाम होगा । ©ANIL BARMAN

#मोटिवेशनल  परिणाम चाहिए , 
प्रयत्न कीजिए   ।


जैसा प्रयत्न करेंगे 
वैसा परिणाम होगा ।

©ANIL BARMAN

प्रयत्न और परिणाम

14 Love

#कविता  White दुश्मनीया और  दुशवारिया  अगर इसी तरह. आगे भी  जारी रही 

तो लगता है हम एक न एक दिन 
एक दूसरे का कत्ल करने पर आमादा हो
जायेगे

©Arora PR

दुश्मनीय और दुशवरिया

117 View

#कविता  White  कुछ लोग है इस 
जहा मे जो जुदाई  और तन्हाई  के दर्द मे भी लुत्फ़ 
ढूंढ लेते है 




उनके दर्द का लुत्फ़ और भी बढ़ जाता है ज़ब 
  उनकी तन्हाई मे 
 किसी और  का दखल  होता ही न हो

©Arora PR

दर्द और लुत्फ़

135 View

White दिन दिन करते करते ये उम्र गुज़र रही है, बीतते दिनों की यादे मन की गुल्लक में सिमट रही है, कभी कभी कोई पुरानी याद जब, झाक लेती है गुल्लक से बाहर तब, विस्मृत से कुछ चहरे, धुंधले कुछ पल, छूटी हुई राहें, गुजरे हुए वक्त, ले आते है फिर उम्र के बीते पड़ाव पर, जो हम छोड़ आए थे पीछे, बढ़ते उम्र की जिम्मेदारियों के संग, अंतर्मन जैसे गुम जाता है उन यादों में, तभी मस्तिष्क फिर खट-खट्टाता है द्वार मन के, और ले आता है भूत से वर्तमान में, मैं भी एक दिन याद बनाना चाहूंगा, और रहना चाहूंगा यादों के साथ, तब तक लड़ता रहूंगा, मन और मस्तिष्क की लड़ाई स्मृतियों के संग.... ©Ajay Chaurasiya

#मराठीकविता #मै  White दिन दिन करते करते ये उम्र गुज़र रही है,
बीतते दिनों की यादे मन की गुल्लक में सिमट रही है,
कभी कभी कोई पुरानी याद जब,
झाक लेती है गुल्लक से बाहर तब,
विस्मृत से कुछ चहरे, धुंधले कुछ पल,
छूटी हुई राहें, गुजरे हुए वक्त,
ले आते है फिर उम्र के बीते पड़ाव पर,
जो हम छोड़ आए थे पीछे,
बढ़ते उम्र की जिम्मेदारियों के संग,
अंतर्मन जैसे गुम जाता है उन यादों में,
तभी मस्तिष्क फिर खट-खट्टाता है द्वार मन के,
और ले आता है भूत से वर्तमान में,
मैं भी एक दिन याद बनाना चाहूंगा,
और रहना चाहूंगा यादों के साथ,
तब तक लड़ता रहूंगा,
मन और मस्तिष्क की लड़ाई स्मृतियों के संग....

©Ajay Chaurasiya

#मै और याद...

15 Love

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