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White "मुक्ति" इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति मिल जाये,सब कामों से मुक्ति परन्तु कर्महीन होने की उक्ति इससे मिलती न सुख अनुभूति सच मे सच की तो यह सूक्ति कर्म करने से मिलती है,मुक्ति जिसने समुचित कर्म किया वो भी बिना किसी आसक्ति कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#मुक्ति #कविता  White "मुक्ति"
इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति
मिल जाये,सब कामों से मुक्ति
परन्तु कर्महीन होने की उक्ति
इससे मिलती न सुख अनुभूति

सच मे सच की तो यह सूक्ति
कर्म करने से मिलती है,मुक्ति
जिसने समुचित कर्म किया
वो भी बिना किसी आसक्ति

कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति
उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति
जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति
सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "मुक्ति" इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति मिल जाये,सब कामों से मुक्ति परन्तु कर्महीन होने की उक्ति इससे मिलती न सुख अनुभूति सच मे सच की तो यह सूक्ति कर्म करने से मिलती है,मुक्ति जिसने समुचित कर्म किया वो भी बिना किसी आसक्ति कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#मुक्ति #कविता  White "मुक्ति"
इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति
मिल जाये,सब कामों से मुक्ति
परन्तु कर्महीन होने की उक्ति
इससे मिलती न सुख अनुभूति

सच मे सच की तो यह सूक्ति
कर्म करने से मिलती है,मुक्ति
जिसने समुचित कर्म किया
वो भी बिना किसी आसक्ति

कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति
उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति
जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति
सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
#कविता  White मैंने पूछा था एक बार 
उस नन्हें परिंदे  से 
आखिर तुम  क्या हासिल करना चाहते हो  इतनी ऊँची उड़ाने भर कर?
परिंदे ने कहा....
ऊँची उडानो  मे पँख  
फड़फड़ाने क़ा मज़ा बिलकुल 
अलग हैं    लेकिन तुम इंसान लोग ये बात नहीं समझ  सकते  वास्तविक बात तो ये हैं कि उन ऊंचाइयों पर हमें  मुक्ति बोध 
का अहसास होता हैं जो जीवन 
का सबसे बड़ा आनंद हैं.....

©Arora PR

मुक्ति बोध

108 View

#दुख  सुख की कामना हीं,

दुखों का करण है।

©ADITYA GAURAW

#दुख

153 View

#मुक्ति #कविता #ख्वाब #उड़ान #नारी  ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे।
वहीं यथार्थ के धरातल पर,
 मुक्ति पाने को है फड़फड़ा रहे।
पर है अफ़सोस यही कि,
उड़ान भरने से पहले ही,
पंख हैं उनके कटवा रहे।

रश्मि वत्स।

©Rashmi Vats

तुम्हें तो ज़िन्दगी का हर दुःख बताया था मैंने तुम्हारा तो हक़ नहीं बनता था मुझे दुःख देने का ©Nilesh

#दुख #Quotes  तुम्हें तो ज़िन्दगी का हर दुःख बताया था मैंने 
तुम्हारा तो हक़ नहीं बनता था मुझे दुःख देने का

©Nilesh

#दुख

15 Love

White "मुक्ति" इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति मिल जाये,सब कामों से मुक्ति परन्तु कर्महीन होने की उक्ति इससे मिलती न सुख अनुभूति सच मे सच की तो यह सूक्ति कर्म करने से मिलती है,मुक्ति जिसने समुचित कर्म किया वो भी बिना किसी आसक्ति कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#मुक्ति #कविता  White "मुक्ति"
इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति
मिल जाये,सब कामों से मुक्ति
परन्तु कर्महीन होने की उक्ति
इससे मिलती न सुख अनुभूति

सच मे सच की तो यह सूक्ति
कर्म करने से मिलती है,मुक्ति
जिसने समुचित कर्म किया
वो भी बिना किसी आसक्ति

कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति
उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति
जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति
सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "मुक्ति" इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति मिल जाये,सब कामों से मुक्ति परन्तु कर्महीन होने की उक्ति इससे मिलती न सुख अनुभूति सच मे सच की तो यह सूक्ति कर्म करने से मिलती है,मुक्ति जिसने समुचित कर्म किया वो भी बिना किसी आसक्ति कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#मुक्ति #कविता  White "मुक्ति"
इस जीवन की सर्वोत्तम युक्ति
मिल जाये,सब कामों से मुक्ति
परन्तु कर्महीन होने की उक्ति
इससे मिलती न सुख अनुभूति

सच मे सच की तो यह सूक्ति
कर्म करने से मिलती है,मुक्ति
जिसने समुचित कर्म किया
वो भी बिना किसी आसक्ति

कमल सदृश जिसकी है,विरक्ति
उसकी जग मे,स्वतंत्र अभिव्यक्ति
जिसने निःस्वार्थ कर्म की भक्ति
सच मे उसे ही मिलती है,मुक्ति
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
#कविता  White मैंने पूछा था एक बार 
उस नन्हें परिंदे  से 
आखिर तुम  क्या हासिल करना चाहते हो  इतनी ऊँची उड़ाने भर कर?
परिंदे ने कहा....
ऊँची उडानो  मे पँख  
फड़फड़ाने क़ा मज़ा बिलकुल 
अलग हैं    लेकिन तुम इंसान लोग ये बात नहीं समझ  सकते  वास्तविक बात तो ये हैं कि उन ऊंचाइयों पर हमें  मुक्ति बोध 
का अहसास होता हैं जो जीवन 
का सबसे बड़ा आनंद हैं.....

©Arora PR

मुक्ति बोध

108 View

#दुख  सुख की कामना हीं,

दुखों का करण है।

©ADITYA GAURAW

#दुख

153 View

#मुक्ति #कविता #ख्वाब #उड़ान #नारी  ख्वाबो में पंख हैं अपने फैला रहे।
वहीं यथार्थ के धरातल पर,
 मुक्ति पाने को है फड़फड़ा रहे।
पर है अफ़सोस यही कि,
उड़ान भरने से पहले ही,
पंख हैं उनके कटवा रहे।

रश्मि वत्स।

©Rashmi Vats

तुम्हें तो ज़िन्दगी का हर दुःख बताया था मैंने तुम्हारा तो हक़ नहीं बनता था मुझे दुःख देने का ©Nilesh

#दुख #Quotes  तुम्हें तो ज़िन्दगी का हर दुःख बताया था मैंने 
तुम्हारा तो हक़ नहीं बनता था मुझे दुःख देने का

©Nilesh

#दुख

15 Love

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