कितना तुम्हे , कैसे तुम्हें, क्यों चाहते हैं हम,
बात तुम सुनती नहीं हो , कहते नही है हम,
छुपा रख्खे अपनी आंख में हमने भी आंसू पर,
रहते है किसी के इंतजार में , रोते नहीं है हम,
है क्या खुशी क्या गम कहे , बातें पुरानी हो गयी,
सब कुछ सहज लगने लगा , जब से लुटे हैं हम,
दिल में मेरे,बाद तेरे,एक सन्नाटा अजब सा छा गया,
मुझमें वही रहता है अब , रहते नहीं हैं हम,
महसूस हो अपना जहाँ बस, दिल को समझमें को,
एक दर्द है , एक - दूसरे से, कह रहें हैं हम,
©Abhishek Shukla
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