Abhishek Kumar

Abhishek Kumar Lives in Bargarh, Odisha, India

बस कभी कभी लिख लेता हूं।

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#Life_experience #Relationship #Community #Hindi

मोह...!!! #poem #Love #Hindi #Relationship #Life_experience #Life #Community

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मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे, मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे। मां कई बार कहना चाहा, पर संकूचित सा हो उठता हूं, लोक समाज के डर से कुंठित सा जान पड़ता हूं, पर मां इनके अलावा सारी बातें तो बेबाक सा के जाता हूं, पता नहीं क्यों इस वाकया पर कुछ भी कहने से घबराता हूं, कहने को तो बहुत कुछ है मां,पर शिथिल सा हो जाता हूं। मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे, मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे। हालात कुछ ऐसे हो चुके हैं, पर अब कुछ कहा नहीं जा रहा, हाल दो टूक कलेजे का कुछ बिना कहे भी रहा नहीं जा रहा, दुविधा में हूं कुछ, क्या करे या न करे ये भी कुछ सूझ नहीं रहा, मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे, मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे। अंदर ही अंदर कुछ टूट सा रहा हूं, बहुत ही हिम्मत से खुद को समेट रहा हूं, कुछ बचा है, कुछ खुद से सहेज रहा हूं, डर तो है, कहीं कभी खुद से फिसल रहा हूं। मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे, मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे। थोड़ी सी हिम्मत है, थोड़ी और दे देना, बिना कुछ कहे भी मेरी सारी बातें जान लेना, जैसे बचपन में थमा था, एक बार और थाम लेना, कुछ भी हो,जैसा भी हूं तुम्हारा ही हूं, बस अपना मान लेना। ©lannisterabhi

#अनुभव #philosophy #Maa❤  मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे,
मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे।

मां कई बार कहना चाहा, पर संकूचित सा हो उठता हूं,
लोक समाज के डर से कुंठित सा जान पड़ता हूं,
पर मां इनके अलावा सारी बातें तो बेबाक सा के जाता हूं,
पता नहीं क्यों इस वाकया पर कुछ भी कहने से घबराता हूं,
कहने को तो बहुत कुछ है मां,पर शिथिल सा हो जाता हूं।

मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे,
मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे।

हालात कुछ ऐसे हो चुके हैं, पर अब कुछ कहा नहीं जा रहा,
हाल दो टूक कलेजे का कुछ बिना कहे भी रहा नहीं जा रहा,
दुविधा में हूं कुछ, क्या करे या न करे ये भी कुछ सूझ नहीं रहा,

मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे,
मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे।

अंदर ही अंदर कुछ टूट सा रहा हूं,
बहुत ही हिम्मत से खुद को समेट रहा हूं,
कुछ बचा है, कुछ खुद से सहेज रहा हूं,
डर तो है, कहीं कभी खुद से फिसल रहा हूं।

मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे,
मेरी इस जिंदगी के कुछ हालत समझने थे।

थोड़ी सी हिम्मत है, थोड़ी और दे देना,
बिना कुछ कहे भी मेरी सारी बातें जान लेना,
जैसे बचपन में थमा था, एक बार और थाम लेना,
कुछ भी हो,जैसा भी हूं तुम्हारा ही हूं, बस अपना मान लेना।

©lannisterabhi

मां तुमसे बहुतेरे बात कहने थे, #Maa❤ #philosophy

9 Love

मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं। कोई भी खोज खबर ले, सबको अच्छा बताता हूं। जब भी अकेले रहूं, दुनियां के आंखों से ओझल हो जाता हूं। जब कभी भी कोई आवाज़ दे, मंद मंद मुस्काते सामने आ जाता हूं। ये सब दिखावा है, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं। कभी एकांत में रहूं, इस मन को ज़िन्दगी का मर्म समझाता हूं। तो कभी साहस इक्कतृत कर समाज से इनके जंजालों से लड़ जाता हूं। ये सब छलावा है, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं। मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं। अपनी छोटी- छोटी उलझनों को अपने आदर्शों को बताता हूं, इनका उत्तर ना मिलने पर इनके खोज पर निकल जाता हूं। कई ग्रंथों और कई किताबों को टटोलने के बाद, खुदको अंशो में समझा पाता हूं। बांकी बचे सवाल के जवाब नहीं मिलने पर, थक हार के बोझल सा हो जाता हूं। मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।

#कविता  मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।
कोई भी खोज खबर ले, सबको अच्छा बताता हूं।
जब भी अकेले रहूं, दुनियां के आंखों से ओझल हो जाता हूं।
जब कभी भी कोई आवाज़ दे, मंद मंद मुस्काते सामने आ जाता हूं।
ये सब दिखावा है, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।

कभी एकांत में रहूं, इस मन को ज़िन्दगी का मर्म समझाता हूं। 
तो कभी साहस इक्कतृत कर समाज से इनके जंजालों से लड़ जाता हूं।

ये सब छलावा है, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।
मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।

अपनी छोटी- छोटी उलझनों को अपने आदर्शों को बताता हूं,
इनका उत्तर ना मिलने पर इनके खोज पर निकल जाता हूं।
कई ग्रंथों और कई किताबों को टटोलने के बाद, खुदको अंशो में समझा पाता हूं।
बांकी बचे सवाल के जवाब नहीं मिलने पर, थक हार के बोझल सा हो जाता हूं।

मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।

मै खुश हूं, ये सच है या सच्चाई छिपाता हूं।

9 Love

शिकवा तन्हाइयों से यूं मुकर कर भी मुड़ ना पाए हम, आहटें आ रही थी तुम्हारे क़दमों की यूं अकेले चल ना पाए हम, सोचा चलेंगे आख़िरी पलों तक वो भी रिश्ता निभा ना पाए हम, अब तो हरदम रहेगा यही गम की तुम्हारे साथ वो भी वफा ना कर पाए हम।

#Shikwa  शिकवा
तन्हाइयों से यूं मुकर कर भी मुड़ ना पाए हम,
आहटें आ रही थी तुम्हारे क़दमों की यूं अकेले चल ना पाए हम, सोचा चलेंगे आख़िरी पलों तक वो भी रिश्ता निभा ना पाए हम, 
अब तो हरदम रहेगा यही गम की तुम्हारे साथ वो भी वफा ना कर पाए हम।

शुरूआत निगाहों निगाहों में उनसे बात हुई.. कुछ पलों में ठहरा, कुछ पलों में मुलाक़ात हुई... ऐसा, लग तो रहा था कि सदियां बीत गई थीं उन लम्हतों में... पर उस खोटे सलीके नींद से जागे तो .... जहां खड़े थे ज़िन्दगी के मोड़ पर, वहीं फिर से शुरूआत हुई।

#शुरूआत #विचार  शुरूआत

निगाहों निगाहों में उनसे बात हुई..
कुछ पलों में  ठहरा, कुछ पलों में मुलाक़ात हुई...
ऐसा, लग तो रहा था कि सदियां बीत गई थीं उन लम्हतों में...
पर  उस खोटे सलीके नींद से जागे तो ....
जहां खड़े थे ज़िन्दगी के मोड़ पर, वहीं फिर से शुरूआत हुई।

कुसुरवार मै ना जानू कैसी हरक़त है तेरी या खुदा... मेरी सिद्दत का दिया है तूने ये सिला... मेरी चाहत को किया है तूने रुसवा... कुसुरवार तो हम थे तेरे फिर उन्हें क्यूं गम दिया मेरी जुदाई का। ©lannisterabhi

#कुसुरवार  कुसुरवार


मै ना जानू कैसी हरक़त है तेरी या खुदा...
मेरी सिद्दत का दिया है तूने ये सिला...
मेरी चाहत को किया है तूने रुसवा...
कुसुरवार तो हम थे तेरे फिर उन्हें क्यूं गम दिया मेरी जुदाई का।


©lannisterabhi
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