Parveen Malik

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दिल जो कहता है वो मैं लिखती हूं तुम यूं ही कहते हो मैं कविता कहती हूँ।

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प्रेम की गति बैलगाङी सी है सहज चलता है,सहज पकता है। प्रेम का अहसास इबादत सा है सब्र भी जरूरी और विश्वास भी। प्रेम की कोई मंजिल नहीं होती ये तो अविराम-अनंत सफर सा है। राधा हो, मीरा हो या हो श्रीकृष्ण प्रेम तो सबके लिए अविरल सा है। प्रेम में बंधने के लिए नहीं कोई बेङी बिना ङोर के भी ये दुनिया बांधता है। ©Parveen Malik

#कविता #feellove  प्रेम की गति बैलगाङी सी है 
सहज चलता है,सहज पकता है। 

प्रेम का अहसास इबादत सा है 
सब्र भी जरूरी और विश्वास भी। 

प्रेम की कोई मंजिल नहीं होती
ये तो अविराम-अनंत सफर सा है। 

राधा हो, मीरा हो या हो श्रीकृष्ण 
प्रेम तो सबके लिए अविरल सा है। 

प्रेम में बंधने के लिए नहीं कोई बेङी 
बिना ङोर के भी ये दुनिया बांधता है।

©Parveen Malik

#feellove

8 Love

दाग बङे गहरे हैं सच पर निरे पहरे हैं । झूठ के दिख रहे जाने कितने चेहरे हैं । सत्ता के गलियारे में चाटूकारों के फेरे हैं । जमीर गिरवी रखकर बने अंधे-गूंगे-बहरे हैं। गंदा है पर धंधा है राजनीति का फंडा है। मजबूर जनता पर ही राजतंत्र का शिकंजा है। धर्म की सीधी-राह पर चलता सिर्फ नेक बंदा है। पाखंड की दुनिया में तो धर्म भी बना आज धंधा है। पीङा इतनी बढ गई नींद आँख से उङ गई सच-झूठ की जंग में  गरिमा देश की लुट गई । दाग सचमुच गहरे हैं अशोभनीय चेहरे हैं रक्त-रंजित माँ भारती खंजर अबतक ना ठहरे हैं। ©Parveen Malik

#कविता #Shades  दाग बङे गहरे हैं 
सच पर निरे पहरे हैं ।
झूठ के दिख रहे 
जाने कितने चेहरे हैं । 

सत्ता के गलियारे में 
चाटूकारों के फेरे हैं ।
जमीर गिरवी रखकर 
बने अंधे-गूंगे-बहरे हैं। 

गंदा है पर धंधा है 
राजनीति का फंडा है।
मजबूर जनता पर ही
राजतंत्र का शिकंजा है। 

धर्म की सीधी-राह पर 
चलता सिर्फ नेक बंदा है। 
पाखंड की दुनिया में तो
धर्म भी बना आज धंधा है। 

पीङा इतनी बढ गई 
नींद आँख से उङ गई 
सच-झूठ की जंग में  
गरिमा देश की लुट गई । 

दाग सचमुच गहरे हैं 
अशोभनीय चेहरे हैं 
रक्त-रंजित माँ भारती
खंजर अबतक ना ठहरे हैं।

©Parveen Malik

#Shades

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कभी तो शुरुआत करनी होगी आज नहीं तो कल हमें करनी होगी । वक्त देता नहीं है मोल्लत कभी हाँ या ना जो भी हो,अब करनी होगी । टूटकर बिखर चुकी जो उम्मीद हौसलों संग फिर से खङी करनी होगी । हार मानकर बैठ नहीं सकते हैं अब जंग हमें अपने सिस्टम से लङनी होगी । मामला अब केवल अपना ना रहा देश की आवाज है, बुलंद करनी ही होगी। प्रवीन मलिक ©Parveen Malik

#कविता #india🇮🇳 #Inspiration #WinterFog #newstart  कभी तो शुरुआत करनी होगी 
आज नहीं तो कल हमें करनी होगी ।

वक्त देता नहीं है मोल्लत कभी 
हाँ या ना जो भी हो,अब करनी होगी ।

टूटकर बिखर चुकी जो उम्मीद 
हौसलों संग फिर से खङी करनी होगी ।

हार मानकर बैठ नहीं सकते हैं अब 
जंग हमें अपने सिस्टम से लङनी होगी ।

मामला अब केवल अपना ना रहा 
देश की आवाज है, बुलंद करनी ही होगी।
प्रवीन मलिक

©Parveen Malik

गर चाँद को छूने की ख्वाहिश है तो उसकी घटन-बढन को भी अपनाना होगा चाँद सिर्फ पूर्णमासी को पूरा होता है फिर उसके अधूरेपन को भी ख्वाब बनाना होगा । प्रवीन मलिक ©Parveen Malik

#ख्वाहिश #अधूरापन #तन्हाई #कविता #चाँद  गर चाँद को छूने की ख्वाहिश है तो 
उसकी घटन-बढन को भी अपनाना होगा
चाँद सिर्फ पूर्णमासी को पूरा होता है 
फिर उसके अधूरेपन को भी ख्वाब बनाना होगा ।

प्रवीन मलिक

©Parveen Malik
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#अनुभव #nojato #Birth

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