Baljit Singh

Baljit Singh

Amritsar Punjab

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खुद में किसी ओर का अक्श ढूंढते ढूंढते मै खुद को खो बैठा इक शख्स ढूढते ढूढते उड़ते धुएं में उसकी तस्वीर क्या बनीं इक रोज़ मै सिगरेट का आदी हो गया कश फूकते फूकते पहले उसकी आंखों से तो अब बोतल से पीता हूँ यूं ही मै हो गया मैकश उसका शहर घूमते घूमते ना जाने कैसे इतनी जल्दी सबको भूल जाते हैं लोग मेरी तो उम्र बीत गयी वो इक दिलकश भूलते भूलते मैकशः दारू पीने का आदी ©Baljit Singh

#शायरी  खुद में किसी ओर का अक्श ढूंढते ढूंढते                               मै खुद को खो बैठा इक शख्स ढूढते ढूढते 

उड़ते धुएं में उसकी तस्वीर क्या बनीं इक रोज़ 
मै सिगरेट का आदी हो गया कश फूकते फूकते 

पहले उसकी आंखों से तो अब बोतल से पीता हूँ 
यूं ही मै हो गया मैकश उसका शहर घूमते घूमते

ना जाने कैसे इतनी जल्दी सबको भूल जाते हैं लोग 
मेरी तो उम्र बीत गयी वो इक दिलकश भूलते भूलते 

मैकशः दारू पीने का आदी

©Baljit Singh

खुद को खो बैठा

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इन लहरों का किनारों से मेल क्या है दिल, मुहब्बत, इश्क का खेल क्या है उसे लेकर मुझसे कोसों दूर चलीं गई तब समझें यह कमबख़्त रेल क्या है ©Baljit Singh

 इन लहरों का किनारों से मेल क्या है
दिल, मुहब्बत, इश्क का खेल क्या है
उसे लेकर मुझसे कोसों दूर चलीं गई 
तब समझें यह कमबख़्त रेल क्या है

©Baljit Singh

रेल Dhyaan mira @Faisal jaani Arzooo 😍😍 @Devesh Dixit @J P Lodhi.

31 Love

हम क्यू बिछड़े यह सवाल, साथ चलता है बस मुझ मे तेरा खयाल, साथ चलता है जिन मे कुछ कर सकते थे वो यूं ही गँवा लिए मुझमें बीते लम्हों का मलाल, साथ चलता है रास्ते बदले, मंजिल बदली,कुछ हमसफ़र बदल गए बस तेरा दिया वो रूमाल, साथ साथ चलता है कसमे, वादों की तरह हम कभी शिकवे नहीं भूलें बस दिलों में रहा यो उबाल, साथ चलता है सच है ,चाह कर भी किसी ओर को चाह नहीं पाए अबतक तेरी जुलफो का जाल,साथ चलता है ©Baljit Singh Buttar

 हम क्यू बिछड़े यह सवाल, साथ चलता है
बस मुझ मे तेरा खयाल, साथ चलता है 

जिन मे कुछ कर सकते थे वो यूं ही गँवा लिए 
मुझमें बीते लम्हों का मलाल, साथ चलता है 

रास्ते बदले, मंजिल बदली,कुछ हमसफ़र बदल गए 
बस तेरा दिया वो रूमाल, साथ साथ चलता है

कसमे, वादों की तरह हम कभी  शिकवे नहीं भूलें 
बस दिलों में रहा यो उबाल, साथ चलता है 

सच है ,चाह कर भी किसी ओर को चाह नहीं पाए 
अबतक तेरी जुलफो का जाल,साथ चलता  है

©Baljit Singh Buttar

साथ चलता है J P Lodhi. निज़ाम खान Faisal jaani Arzooo 😍😍 Ram N Mandal

35 Love

खरोंच भी इक दिन नासूर हो जातीं हैं महब्बत जब जिंदगी से दूर हो जातीं है मल्लाह हर छोटी बड़ी लहरों को काट देता है अकेली कश्ती तूफानों में चूर हो जातीं हैं ©Baljit Singh Buttar

 खरोंच भी इक दिन नासूर हो जातीं हैं 
महब्बत जब जिंदगी से दूर हो जातीं है
मल्लाह हर छोटी बड़ी लहरों को काट देता है 
अकेली कश्ती तूफानों में चूर हो जातीं हैं

©Baljit Singh Buttar

खरोंच भी इक दिन नासूर हो जातीं हैं J P Lodhi. Dhyaan mira V.k.Viraz Omi Sharma aamil Qureshi

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मेरी तड़प को इस कद्र यू ज़ाया न कर मर जाऊं गा मुझे आजमाया न कर ख़ुदा: खुद ही कहीं मुझे लेने न आ जाए मेरी इतनी भी झूठी कसमे खाया न कर ©Baljit Singh Buttar

 मेरी तड़प को इस कद्र यू ज़ाया न कर                           मर जाऊं गा मुझे आजमाया न कर
    ख़ुदा: खुद ही कहीं मुझे लेने न आ जाए 
    मेरी इतनी भी झूठी कसमे खाया न कर

©Baljit Singh Buttar

मेरी तड़प को इस कद्र यू ज़ाया न कर @J P Lodhi. Ram N Mandal @Omi Sharma @Sumit Kamboj @V.k.Viraz

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पत्थर का कलेजा कांट कर आया होगा सैलाब मेरे गांव को बांट कर आया होगा चांद एक ही था उसे दूसरा कोई कैसे मिलता वो कितने ही तारों को छाट कर आया होगा मुझे मालूम है उस चिरांग मे लौ कम क्यू है वो फिर अपनी ही बाती को डांट कर आया होगा पतंगो को धागे का भरोसा करना ही नहीं चाहिए जाने कितने ही हाथों को काट कर आया होगा ************************************ ©Baljit Singh Buttar

 पत्थर का कलेजा कांट कर आया  होगा 
सैलाब मेरे गांव को बांट कर आया होगा  

चांद एक ही था उसे दूसरा कोई कैसे मिलता 
वो कितने ही तारों को छाट कर आया होगा

मुझे मालूम है उस चिरांग मे लौ कम क्यू है 
वो फिर अपनी ही बाती को डांट कर आया होगा 

पतंगो को धागे का भरोसा करना ही नहीं चाहिए  
जाने कितने ही हाथों को काट कर आया होगा 
************************************

©Baljit Singh Buttar

सैलाब मेरे गांव को बांट कर आया होगा J P Lodhi. Sukhbir Singh Alagh Anshu writer Arzooo 😍😍 Dhyaan mira

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