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New बसंत बहार पतझड़ सावन Status, Photo, Video

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White कर दे जब मौसम बेज़ार, लगे नियति बेबस लाचार, पतझड़ गुजरी आया बसंत, होती रहती है जीत हार, ख़ुशियों की है आवा-जाही, कर दूँ सारा कुछ दरकिनार, बरसे मधुमय रस प्रेमपूर्ण, आकर छेड़े मन का सितार, देकर सुकून कुछ पल का ही, फिर गुज़र जाए चाहे बहार, भर दे शीतलता धरती पर, सावन में घिर गिरकर फुहार, बाक़ी कर दे दिल पर 'गुंजन', दो पल की ही ख़ुशियाँ उधार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #गुज़र  White कर दे  जब मौसम बेज़ार,
लगे नियति  बेबस लाचार,

पतझड़ गुजरी आया बसंत, 
होती  रहती  है  जीत हार,

ख़ुशियों की है आवा-जाही, 
कर दूँ सारा कुछ दरकिनार,

बरसे मधुमय रस  प्रेमपूर्ण, 
आकर छेड़े मन का सितार,

देकर सुकून कुछ पल का ही, 
फिर  गुज़र जाए चाहे बहार, 

भर दे  शीतलता  धरती  पर,
सावन में घिर गिरकर फुहार,

बाक़ी कर दे दिल पर 'गुंजन',
दो पल की ही ख़ुशियाँ उधार,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#गुज़र जाए चाहे बहार#

9 Love

अंत का भी अंत होता है, सब कुछ कहाँ अनंत होता है। पतझड़ एक घटना है, बारह महीने कहाँ बसंत होता है।। 🩶🩶🩶 ©3 Little Hearts

#बसंत #tree  अंत का भी अंत होता है,
सब कुछ कहाँ अनंत होता है।
पतझड़ एक घटना है,
बारह महीने कहाँ बसंत होता है।।
🩶🩶🩶

©3 Little Hearts
#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

#कविता  बसंत की प्रतीक्षा में 
मैंने
 लिखे है प्रेम गीत  
रखी है होठों पर मुस्कान 
खोली है आशा की खिड़कियां 
सजा रखी है फूलों की दुकान  ,
ओढ़ गुलाबी ओढ़नी 
गाए जा रही फाग 
उम्मीद है आएगा 
बसंत मेरा 
मुंडेर पर आज फिर बोला काग

© Pallavi pandey

बसंत

99 View

sunset nature देखो.... बसंत की बहार है अभी ...... और लोग आएंगे तुम्हारे पास .... तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है .... तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि.... तुम सही हो .... तुम सब सही कर रहे हो ... तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं ..... लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " कुछ भी स्थाई नहीं है .... सब कुछ बदल जाता है .... तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा .... लोगो किनारा करते जायेंगे .... तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे .... हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे ..... अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे .... तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) ..... हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....! और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है .... तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ... कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ... और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे .... तो तुम कहना .....मुझसे ... अधिकार से.... कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ .... क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ .... सुनो ! .... तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना .... मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा .... तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ... मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में .... और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ... लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे .... अभी बसंत है .... जाओ ....खुद को .... अपनो को ....सपनो को .... यारों को ....आजमा कर देखो .... बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा..... मैं इंतजार करूंगा तुम्हारे कह देने भर का .... ©Sachin R. Pandey

#विचार #sunsetnature  sunset nature देखो....
बसंत की बहार है अभी ......
और लोग आएंगे तुम्हारे पास ....
तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है ....
तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि....
तुम सही हो ....
तुम सब सही कर रहे हो ...
तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं .....
लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " 
कुछ भी स्थाई नहीं है ....
सब कुछ बदल जाता है ....
तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा ....
लोगो किनारा करते जायेंगे ....
तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे ....
हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे .....
अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे ....
तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) .....
हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....!
और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है ....
तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ...
कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ...
और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे ....
तो तुम कहना .....मुझसे ...
अधिकार से....
कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ ....
क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ ....
सुनो ! ....
तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना ....
मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा ....
तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ...
मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में ....
और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ...
लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे ....

अभी बसंत है ....
जाओ ....खुद को ....
अपनो को ....सपनो को ....
यारों को ....आजमा कर देखो ....
बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा.....
मैं इंतजार करूंगा 
तुम्हारे कह देने भर का ....

©Sachin R. Pandey

#sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है ....

12 Love

#पेड़ों #विचार #पतझड़ #लौटता #बसंत #Lifelike  Life Like जिन पेड़ों ने पतझड़ सहे है
बसंत भी उन्ही पेड़ों पर लौटता है





















.

©Mukesh Poonia

#Lifelike जिन #पेड़ों ने #पतझड़ सहे है #बसंत भी उन्ही #पेड़ों पर #लौटता है

621 View

White कर दे जब मौसम बेज़ार, लगे नियति बेबस लाचार, पतझड़ गुजरी आया बसंत, होती रहती है जीत हार, ख़ुशियों की है आवा-जाही, कर दूँ सारा कुछ दरकिनार, बरसे मधुमय रस प्रेमपूर्ण, आकर छेड़े मन का सितार, देकर सुकून कुछ पल का ही, फिर गुज़र जाए चाहे बहार, भर दे शीतलता धरती पर, सावन में घिर गिरकर फुहार, बाक़ी कर दे दिल पर 'गुंजन', दो पल की ही ख़ुशियाँ उधार, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #गुज़र  White कर दे  जब मौसम बेज़ार,
लगे नियति  बेबस लाचार,

पतझड़ गुजरी आया बसंत, 
होती  रहती  है  जीत हार,

ख़ुशियों की है आवा-जाही, 
कर दूँ सारा कुछ दरकिनार,

बरसे मधुमय रस  प्रेमपूर्ण, 
आकर छेड़े मन का सितार,

देकर सुकून कुछ पल का ही, 
फिर  गुज़र जाए चाहे बहार, 

भर दे  शीतलता  धरती  पर,
सावन में घिर गिरकर फुहार,

बाक़ी कर दे दिल पर 'गुंजन',
दो पल की ही ख़ुशियाँ उधार,
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#गुज़र जाए चाहे बहार#

9 Love

अंत का भी अंत होता है, सब कुछ कहाँ अनंत होता है। पतझड़ एक घटना है, बारह महीने कहाँ बसंत होता है।। 🩶🩶🩶 ©3 Little Hearts

#बसंत #tree  अंत का भी अंत होता है,
सब कुछ कहाँ अनंत होता है।
पतझड़ एक घटना है,
बारह महीने कहाँ बसंत होता है।।
🩶🩶🩶

©3 Little Hearts
#Dhund  सावन भादों घिर आते है
जब अपने भी जेठ आसाढ बन जाते हैं।।

©लेखक ओझा

#Dhund सावन भादो

153 View

#कविता  बसंत की प्रतीक्षा में 
मैंने
 लिखे है प्रेम गीत  
रखी है होठों पर मुस्कान 
खोली है आशा की खिड़कियां 
सजा रखी है फूलों की दुकान  ,
ओढ़ गुलाबी ओढ़नी 
गाए जा रही फाग 
उम्मीद है आएगा 
बसंत मेरा 
मुंडेर पर आज फिर बोला काग

© Pallavi pandey

बसंत

99 View

sunset nature देखो.... बसंत की बहार है अभी ...... और लोग आएंगे तुम्हारे पास .... तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है .... तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि.... तुम सही हो .... तुम सब सही कर रहे हो ... तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं ..... लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " कुछ भी स्थाई नहीं है .... सब कुछ बदल जाता है .... तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा .... लोगो किनारा करते जायेंगे .... तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे .... हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे ..... अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे .... तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) ..... हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....! और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है .... तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ... कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ... और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे .... तो तुम कहना .....मुझसे ... अधिकार से.... कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ .... क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ .... सुनो ! .... तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना .... मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा .... तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ... मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में .... और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ... लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे .... अभी बसंत है .... जाओ ....खुद को .... अपनो को ....सपनो को .... यारों को ....आजमा कर देखो .... बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा..... मैं इंतजार करूंगा तुम्हारे कह देने भर का .... ©Sachin R. Pandey

#विचार #sunsetnature  sunset nature देखो....
बसंत की बहार है अभी ......
और लोग आएंगे तुम्हारे पास ....
तुम्हें अहसास दिलाते हुए कि उनकी नज़र में तुम्हारी कितनी अहमियत है ....
तुम्हे बताते हुए और समझाते हुए कि....
तुम सही हो ....
तुम सब सही कर रहे हो ...
तुम्हारे निर्णय ठीक हैं और वो सब हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ खड़े हैं .....
लेकिन जैसा कि मैंने कहा ...." बसंत है " 
कुछ भी स्थाई नहीं है ....
सब कुछ बदल जाता है ....
तो एक दिन जब पतझड़ आने को होगा ....
लोगो किनारा करते जायेंगे ....
तुम्हारी असफलताओं का दोष तुम पर मढ़ते जायेंगे ....
हां वही लोग जो तुमको ...तुम्हारे निर्णयों को सही कह कर हौसला बढ़ा रहे थे .....
अब वही तुम्हारे प्रथम और कटु आलोचक होंगे ....
तुम संदेह करोगे ....क्या ये वही लोग हैं ....जो कल तक (बसंत के दिनो मे) .....
हौसला और शाबासी देते नही थक रहे थे ....!
और पतझड़ में जब तुमको लगेगा ... कि अब सब कुछ खत्म होने को है ....
तुम्हारे कंधे ....हार की मार से झुके होंगे ...
कर्णपटल पर आलोचनाओं के स्वर तीर से चुभ रहे होंगे ...
और कपोल अश्रु से भीग रहे होंगे ....
तो तुम कहना .....मुझसे ...
अधिकार से....
कि अब तुम सम्हाल लो सब कुछ ....
क्योंकि बिखर रहा है बहुत कुछ ....
सुनो ! ....
तुम यकीन मानना ....भरोसा रखना ....
मैं तुम्हारे लिए सब कुछ उलट पलट कर दूंगा ....
तुम प्रिय हो .... तुमसे कही अधिक प्रिय हैं तुम्हारे सपने ...
मैं बनूंगा तुम्हारा सारथी ....पतझड़ में ....
और तब तक जब तक वो सब ना हो जाए जो तुम चाहते हो ...
लेकिन फिलहाल मैं मौन रहकर मान रख रहा हूं.....तुम्हारे निर्णयों का ....सही और गलत के भेद से परे ....

अभी बसंत है ....
जाओ ....खुद को ....
अपनो को ....सपनो को ....
यारों को ....आजमा कर देखो ....
बहुत कुछ है जो आने वाला समय समझाएगा.....
मैं इंतजार करूंगा 
तुम्हारे कह देने भर का ....

©Sachin R. Pandey

#sunsetnature आजमाना अपनी यारी को पतझड़ में सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है ....

12 Love

#पेड़ों #विचार #पतझड़ #लौटता #बसंत #Lifelike  Life Like जिन पेड़ों ने पतझड़ सहे है
बसंत भी उन्ही पेड़ों पर लौटता है





















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©Mukesh Poonia

#Lifelike जिन #पेड़ों ने #पतझड़ सहे है #बसंत भी उन्ही #पेड़ों पर #लौटता है

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