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#CheerfulLove  झीलें क्या है......उसकी आंखें

#CheerfulLove अरूण आनंद सर की कविता ....

108 View

 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

198 View

#कबीरदास #कबीर #wholegrain #Quotes  कबीरदास जी कहते है 

" बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजोर,
" पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर"

भावार्थ __ बड़े होने से कुछ नही होता जैसे पेड़ खजोर न ही पक्षी को छाया दे पाता है और फल भी इतने दूर लगे होते है |

©dharmik__Ayush

#wholegrain #कबीरदास #कबीर के दोहे

54 View

#यथार्थ #आज़ाद #कबीर #holikadahan #सच  जीवनभर न हो सके, आंचल से आजाद।
जब कीचड़ से आदमी, इन्द्रधनुष हो जाए।
 हम तो मस्त कबीर हैं, किसके आए हाथ। 
मरने वालों देखना, हम पर आंच न आए।

©Death_Lover
#पौराणिककथा

कबीर दास की मेला स्थल में समाधि स्थल ग्राम पंचायत बंगोली खरोरा रायपुर रोड छत्तीसगढ़

126 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

1,710 View

#CheerfulLove  झीलें क्या है......उसकी आंखें

#CheerfulLove अरूण आनंद सर की कविता ....

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 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

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#कबीरदास #कबीर #wholegrain #Quotes  कबीरदास जी कहते है 

" बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजोर,
" पंथी को छाया नहीं फल लागे अति दूर"

भावार्थ __ बड़े होने से कुछ नही होता जैसे पेड़ खजोर न ही पक्षी को छाया दे पाता है और फल भी इतने दूर लगे होते है |

©dharmik__Ayush

#wholegrain #कबीरदास #कबीर के दोहे

54 View

#यथार्थ #आज़ाद #कबीर #holikadahan #सच  जीवनभर न हो सके, आंचल से आजाद।
जब कीचड़ से आदमी, इन्द्रधनुष हो जाए।
 हम तो मस्त कबीर हैं, किसके आए हाथ। 
मरने वालों देखना, हम पर आंच न आए।

©Death_Lover
#पौराणिककथा

कबीर दास की मेला स्थल में समाधि स्थल ग्राम पंचायत बंगोली खरोरा रायपुर रोड छत्तीसगढ़

126 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

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