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#खुशियाँ #हँसाना #शायरी #मनाना #सुबह #हंसी  ए “ सुबह ” तुम जब भी आना , 
सब के लिए बस " खुशियाँ " लाना
हर चेहरे पर “ हंसी ” सजाना , 
तु हर आँगन मैं “ फूल ” ही खिलाना 

जो “ रोये ” हैं  इन्हें तुम खुब  हँसाना  , 
जो “ रूठे ” हैं  इन्हें तुम ही मनाना 
जो “ बिछड़े ” हैं तुम इन्हें मिलाना , 
हे प्यारी “ सुबह ” तुमसे यही है कामना

©बेजुबान शायर shivkumar

#good_morning #GoodMorning #thought #Nojoto ए “ #सुबह ” तुम जब भी आना , सब के लिए बस " #खुशियाँ " लाना हर चेहरे पर “ #हंसी ” सजाना ,

144 View

White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-
लाया नही जल कोई , और नही हल कोई ,
जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये ।
जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये ।
बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति,
देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये ।
जल से ही जीवन है, महकता आँगन है ,
सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये ।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,

16 Love

#मत_रौंदो_मुझे #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  मत रौंदो मुझे

मैं फूल हूँ गुलाब का ।
महकते आँगन का,
प्यार के इजहार का ।
जरिया हूँ मैं,
मत रौंदो मुझे ।

मत रौंदो मुझे,
मैं फूल हूँ गुलाब का ।
जुडा था अपने परिवार से,
आँधी ने बिखेर दिया ।
वक्त की मार ने,
परिवार से जुदा कर दिया ।

मेरी एक –एक बालक समान पत्ती,
का नहीं कोई ठिकाना ।
सब देखते मुझे ऐसे,
जैसे हूँ कोई अनजाना ।
जुड़ा था जब परिवार से,
तो गुलदस्ते में सजा दिया ।
जुदा होते ही परिवार से,
ठोकर से उड़ा दिया ।

पड़ी हैं मेरी पत्तियां जहाँ – तहां,
कोई रौंद कर चला गया ।
मैं समेट भी न सका,
कहता ही रह गया ।
मत रौंदो मुझे,
मैं फूल हूँ गुलाब का ।
………………………………………………
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मत_रौंदो_मुझे #nojotohindi #nojotohindipoetry मत रौंदो मुझे मैं फूल हूँ गुलाब का । महकते आँगन का, प्यार के इजहार का । जरिया हूँ मैं,

333 View

#खुशियाँ #महफिले #खुशबू #कविता #अनजान #ज्ञान  White फूल से उसकी खुशबू को यु  ना मांगो 
वो तो खुद घर के  आँगन को यु महकाता हैं ।

ऐसे कोमल भाव को देख कर 
मेरा मन ना जाने क्यों ? बहुत ही घबराता हैं।

 आखिर क्यों ? अपने को गवा कर 
वो सबके घर में खुशियाँ  को यु लुटाता है ।

उसकी ये छवि, मैंने हर जीव के अंदर मे भी पाई
इस बात को में, भले ही देर से समझ पाई । 

उस फूल का बलिदान भी एक ज्ञान हैं ।
इस बात से हम सब क्यों अभी भी अनजान हैं ?


 उसकी जान लेने में, हम एक पल नहीं गवाते  
उसकी लाश पर गुज़र कर, हम अपनी ही महफिले को सजाते है ।

©Shivkumar

#flowers #Flower फूल से उसकी #खुशबू को यु ना मांगो वो तो खुद घर के #आँगन को यु महकाता हैं । ऐसे #कोमल भाव को देख कर

117 View

White शान्त बैठा है सुलगता मन, चाँदनी से भर गया आँगन, दर्द से राहत मिली मन को, कोई आकर मल गया चंदन, जब उगा दिनमान के जैसा, रौशनी से भर गया प्रांगण, चमकता नभ में सितारों सा, बहारें करती चरण वंदन, गर्व करता राष्ट्र का गौरव, है तुम्हारा सतत अभिनंदन, ज्ञान है अनमोल जीवन में, नमक बिन फीका है व्यंजन, खिल गई है कली बगिया में, भ्रमर का मनुहार है 'गुंजन', --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी #कविता  White शान्त बैठा है  सुलगता  मन, 
चाँदनी से  भर गया  आँगन, 

दर्द  से  राहत मिली मन को, 
कोई आकर मल गया चंदन, 

जब उगा  दिनमान के जैसा, 
रौशनी  से  भर  गया प्रांगण,

चमकता नभ में सितारों सा, 
बहारें   करती  चरण  वंदन,

गर्व  करता  राष्ट्र  का गौरव, 
है तुम्हारा सतत अभिनंदन,

ज्ञान  है  अनमोल जीवन में, 
नमक बिन फीका है व्यंजन,

खिल गई है कली बगिया में,
भ्रमर  का  मनुहार है 'गुंजन',
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी से भर गया आँगन#

15 Love

#भक्ति #navratri  {Bolo Ji Radhey Radhey}
सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है।
📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है।

©N S Yadav GoldMine

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्

108 View

#खुशियाँ #हँसाना #शायरी #मनाना #सुबह #हंसी  ए “ सुबह ” तुम जब भी आना , 
सब के लिए बस " खुशियाँ " लाना
हर चेहरे पर “ हंसी ” सजाना , 
तु हर आँगन मैं “ फूल ” ही खिलाना 

जो “ रोये ” हैं  इन्हें तुम खुब  हँसाना  , 
जो “ रूठे ” हैं  इन्हें तुम ही मनाना 
जो “ बिछड़े ” हैं तुम इन्हें मिलाना , 
हे प्यारी “ सुबह ” तुमसे यही है कामना

©बेजुबान शायर shivkumar

#good_morning #GoodMorning #thought #Nojoto ए “ #सुबह ” तुम जब भी आना , सब के लिए बस " #खुशियाँ " लाना हर चेहरे पर “ #हंसी ” सजाना ,

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White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-
लाया नही जल कोई , और नही हल कोई ,
जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये ।
जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये ।
बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति,
देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये ।
जल से ही जीवन है, महकता आँगन है ,
सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये ।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,

16 Love

#मत_रौंदो_मुझे #nojotohindipoetry #sandiprohila #nojotohindi  मत रौंदो मुझे

मैं फूल हूँ गुलाब का ।
महकते आँगन का,
प्यार के इजहार का ।
जरिया हूँ मैं,
मत रौंदो मुझे ।

मत रौंदो मुझे,
मैं फूल हूँ गुलाब का ।
जुडा था अपने परिवार से,
आँधी ने बिखेर दिया ।
वक्त की मार ने,
परिवार से जुदा कर दिया ।

मेरी एक –एक बालक समान पत्ती,
का नहीं कोई ठिकाना ।
सब देखते मुझे ऐसे,
जैसे हूँ कोई अनजाना ।
जुड़ा था जब परिवार से,
तो गुलदस्ते में सजा दिया ।
जुदा होते ही परिवार से,
ठोकर से उड़ा दिया ।

पड़ी हैं मेरी पत्तियां जहाँ – तहां,
कोई रौंद कर चला गया ।
मैं समेट भी न सका,
कहता ही रह गया ।
मत रौंदो मुझे,
मैं फूल हूँ गुलाब का ।
………………………………………………
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#मत_रौंदो_मुझे #nojotohindi #nojotohindipoetry मत रौंदो मुझे मैं फूल हूँ गुलाब का । महकते आँगन का, प्यार के इजहार का । जरिया हूँ मैं,

333 View

#खुशियाँ #महफिले #खुशबू #कविता #अनजान #ज्ञान  White फूल से उसकी खुशबू को यु  ना मांगो 
वो तो खुद घर के  आँगन को यु महकाता हैं ।

ऐसे कोमल भाव को देख कर 
मेरा मन ना जाने क्यों ? बहुत ही घबराता हैं।

 आखिर क्यों ? अपने को गवा कर 
वो सबके घर में खुशियाँ  को यु लुटाता है ।

उसकी ये छवि, मैंने हर जीव के अंदर मे भी पाई
इस बात को में, भले ही देर से समझ पाई । 

उस फूल का बलिदान भी एक ज्ञान हैं ।
इस बात से हम सब क्यों अभी भी अनजान हैं ?


 उसकी जान लेने में, हम एक पल नहीं गवाते  
उसकी लाश पर गुज़र कर, हम अपनी ही महफिले को सजाते है ।

©Shivkumar

#flowers #Flower फूल से उसकी #खुशबू को यु ना मांगो वो तो खुद घर के #आँगन को यु महकाता हैं । ऐसे #कोमल भाव को देख कर

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White शान्त बैठा है सुलगता मन, चाँदनी से भर गया आँगन, दर्द से राहत मिली मन को, कोई आकर मल गया चंदन, जब उगा दिनमान के जैसा, रौशनी से भर गया प्रांगण, चमकता नभ में सितारों सा, बहारें करती चरण वंदन, गर्व करता राष्ट्र का गौरव, है तुम्हारा सतत अभिनंदन, ज्ञान है अनमोल जीवन में, नमक बिन फीका है व्यंजन, खिल गई है कली बगिया में, भ्रमर का मनुहार है 'गुंजन', --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी #कविता  White शान्त बैठा है  सुलगता  मन, 
चाँदनी से  भर गया  आँगन, 

दर्द  से  राहत मिली मन को, 
कोई आकर मल गया चंदन, 

जब उगा  दिनमान के जैसा, 
रौशनी  से  भर  गया प्रांगण,

चमकता नभ में सितारों सा, 
बहारें   करती  चरण  वंदन,

गर्व  करता  राष्ट्र  का गौरव, 
है तुम्हारा सतत अभिनंदन,

ज्ञान  है  अनमोल जीवन में, 
नमक बिन फीका है व्यंजन,

खिल गई है कली बगिया में,
भ्रमर  का  मनुहार है 'गुंजन',
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी से भर गया आँगन#

15 Love

#भक्ति #navratri  {Bolo Ji Radhey Radhey}
सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्ति के लिए सहस्र चंडी यग्न का महत्व हमारे धर्म-ग्रंथों में बताया गया है। इस यग्न को सनातन समाज में देवी माहात्म्यं भी कहा जाता है। सामूहिक लोगों की अलग-अलग इच्छा शक्तियों को इस यज्ञ के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। अगर कोई संगठन अपनी किसी एक इच्छा की पूर्ति या किसी अच्छे कार्य में विजयी होना चाहता है तब यह सहस्र चंडी यग्न बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। असुर और राक्षस लोगों से कलयुग में लोहा लेने के लिए इसका पाठ किया जाता है।
📜 मार्कण्डेय पुराण में सहस्र चंडी यग्न की पूरी विधि बताई गयी है। सहस्र चंडी यग्न में भक्तों को दुर्गा सप्तशती के एक हजार पाठ करने होते हैं। दस पाँच या सैकड़ों स्त्री पुरुष इस पाठ में शामिल किए जा सकते हैं और एक पंडाल रूपी जगह या मंदिर के आँगन में इसको किया जा सकता है। यह यग्न हर ब्राह्मण या आचार्य नहीं कर सकता है। इसके लिये दुर्गा सप्तशती का पाठ करने वाले व मां दुर्गा के अनन्य भक्त जो पूरे नियम का पालन करता हो ऐसा कोई विद्वान एवं पारंगत आचार्य ही करे तो फल की प्राप्ति होती है। विधि विधानों में चूक से मां के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है इसलिये पूरी सावधानी रखनी होती है। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से पहले मंत्रोच्चारण के साथ पूजन एवं पंचोपचार किया जाता है। यग्न में ध्यान लगाने के लिये इस मंत्र को उच्चारित किया जाता है।

©N S Yadav GoldMine

#navratri {Bolo Ji Radhey Radhey} सहस्र चंडी यग्न :- 📜 सत्ता बल, शरीर बल, मनोबल, शस्त्र बल, विद्या बल, धन बल आदि आवश्यक उद्देश्यों को प्राप्

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