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New दीवानों की हस्ती कविता का अर्थ Status, Photo, Video

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#शायरी #alone  White हम वो हस्ती हैं जिसका कोई किनारा ना हुआ ॥ ॥ हम सब के हुए मगर कोई हमारा ना हुआ

©RAVI PRAKASH

#alone हम वो हस्ती हैं

90 View

 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

198 View

#जन्म_जयंती #हस्तीमल #शायरी  "गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी,
लाख करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है"¹

©HintsOfHeart.

#हस्तीमल 'हस्ती' #जन्म_जयंती 1.हस्तीमल 'हस्ती' - हिन्दी ग़ज़ल में एक जाना पहचाना नाम।

108 View

#पलकों_का_कँपना #good_night #लव  "सपने की एक किरण मुझको दो ना,
है मेरा इष्ट तुम्हारे उस सपने का कण होना।
और सब समय पराया है,
बस उतना ही क्षण अपना।
तुम्हारी पलकों का कँपना,
तनिक-सा चमक खुलना, फिर झँपना।"¹

©HintsOfHeart.

#good_night 💖 1.अज्ञेय की कविता #पलकों_का_कँपना का अंश।

270 View

#सुमित्रानंदन_पंत #good_night #womensday  "यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, 
तो वह नारी उर के भीतर,
दल पर दल खोल हृदय के अस्तर
जब बिठलाती प्रसन्न होकर
वह अमर प्रणय के शतदल पर!

मादकता जग में कहीं अगर, 
वह नारी अधरों में सुखकर,
क्षण में प्राणों की पीड़ा हर,
नव जीवन का दे सकती वर
वह अधरों पर धर मदिराधर।"¹

©HintsOfHeart.

#सुमित्रानंदन_पंत #good_night 💖 1. सुमित्रानंदन पंत की कविता 'स्त्री' का अंश।

180 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

1,710 View

#शायरी #alone  White हम वो हस्ती हैं जिसका कोई किनारा ना हुआ ॥ ॥ हम सब के हुए मगर कोई हमारा ना हुआ

©RAVI PRAKASH

#alone हम वो हस्ती हैं

90 View

 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

198 View

#जन्म_जयंती #हस्तीमल #शायरी  "गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी,
लाख करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है"¹

©HintsOfHeart.

#हस्तीमल 'हस्ती' #जन्म_जयंती 1.हस्तीमल 'हस्ती' - हिन्दी ग़ज़ल में एक जाना पहचाना नाम।

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#पलकों_का_कँपना #good_night #लव  "सपने की एक किरण मुझको दो ना,
है मेरा इष्ट तुम्हारे उस सपने का कण होना।
और सब समय पराया है,
बस उतना ही क्षण अपना।
तुम्हारी पलकों का कँपना,
तनिक-सा चमक खुलना, फिर झँपना।"¹

©HintsOfHeart.

#good_night 💖 1.अज्ञेय की कविता #पलकों_का_कँपना का अंश।

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#सुमित्रानंदन_पंत #good_night #womensday  "यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, 
तो वह नारी उर के भीतर,
दल पर दल खोल हृदय के अस्तर
जब बिठलाती प्रसन्न होकर
वह अमर प्रणय के शतदल पर!

मादकता जग में कहीं अगर, 
वह नारी अधरों में सुखकर,
क्षण में प्राणों की पीड़ा हर,
नव जीवन का दे सकती वर
वह अधरों पर धर मदिराधर।"¹

©HintsOfHeart.

#सुमित्रानंदन_पंत #good_night 💖 1. सुमित्रानंदन पंत की कविता 'स्त्री' का अंश।

180 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

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