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New poems of suryakant tripathi nirala Status, Photo, Video

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#कविता #good_night #poems  White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम 
लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी

#good_night #Poetry #poems

126 View

#भक्ति  *जय सियाराम* 

हमें शौक नही लकीर का फकीर बनने का 
    अपनी तो आदत खुद का रास्ता बनाने की।
मानते हैं किसी को तो दिल से मानते हैं 
    अपनी फितरत नहीं झूठा प्यार जताने की।
हाथ की लकीर पर नहीं विश्वास कर्म पर है 
     गगन को छूना, मेहनत अपनी चरम पर है,
किसी धन्नासेठ के आगे झुके न सर अपना
     अपनी आदत राम के चरण सर झुकाने की।।

      स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

सुप्रभात मित्रों जय सियाराम @Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) @santosh tiwari Sudha Tripathi @deepshi bhadauria @Raushni Tripathi भक

135 View

White बेटियों को तितलियां नहीं मधुमक्खी बनाओ, पंखों की उड़ान के साथ डंक की सुरक्षा भी जरूरी है। ©Alekh Sharma(Aayu)

#विचार #Sad_shayri  White बेटियों को तितलियां नहीं मधुमक्खी बनाओ,
पंखों की उड़ान के साथ डंक की सुरक्षा भी जरूरी है।

©Alekh Sharma(Aayu)

#Sad_shayri saumya Jain @Rimple Mahal @naina @Anchal Tripathi Anudeep

10 Love

 White कर रहा हूं रात दिन
और कितना श्रम करूं 
फटी हुई कमीज को
और कितना नम करूं 
जी रहा हूं मार कर मन
छोड़ता मैं सब गया
ख्वाहिशों की कतारें 
और कितना कम करूं
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं
रोज कन्धे सह रहे है
बोझ जिम्मेदारीयों का
नजरे छिपाते चल रहे
जाने कितने उधरियों का,
बालकों सा चंचल बनू
और फिर बहुत उधम करूं
मन मेरा भी चाहता है,
कम थोड़ा परिश्रम करूं 
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं
माता पिता भूखे रहे
या बच्चों का बचपन छीन लूं
पत्नि के सुख को मार कर 
खुशियों के आंसु बीन लूं
खुद को खुद ही मार कर,
दुखों को यूं खत्म करूं,
या फिर सुखों की पोटली,
पाने का मै वहम करूं
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं

©अनुज

@Pushpvritiya @Divya Joshi Sudha Tripathi RAVINANDAN Tiwari

153 View

#Quotes

samaya ka kehel nirala @Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay Anjana @Md Tahzeeb Alam love quotes in hindi

99 View

#कविता #poems  White कविता 1: बचपन

बचपन की यादें जब आती हैं, दिल में एक हलचल सी मचाती हैं। वो मासूमियत, वो प्यारी बातें, सब कुछ जैसे कल की बातें।

कविता 2: प्रकृति का सौंदर्य

हरियाली का नज़ारा जब होता है, मन खुशियों से भर जाता है। चिड़ियों का गीत, फूलों की महक, प्रकृति का सौंदर्य, दिल को बहलाता है।

©AK MASTERS

#poems प्रेरणादायी कविता हिंदी

72 View

#कविता #good_night #poems  White उसके घर में सजे हुए हैं कई कई ईनाम 
लेकिन उसकी जीभ पर हैं तलवों के निशान।

-अशोक जमनानी

©साहित्य संजीवनी

#good_night #Poetry #poems

126 View

#भक्ति  *जय सियाराम* 

हमें शौक नही लकीर का फकीर बनने का 
    अपनी तो आदत खुद का रास्ता बनाने की।
मानते हैं किसी को तो दिल से मानते हैं 
    अपनी फितरत नहीं झूठा प्यार जताने की।
हाथ की लकीर पर नहीं विश्वास कर्म पर है 
     गगन को छूना, मेहनत अपनी चरम पर है,
किसी धन्नासेठ के आगे झुके न सर अपना
     अपनी आदत राम के चरण सर झुकाने की।।

      स्वरचित मौलिक रचना-राम जी तिवारी"राम"
                           उन्नाव (उत्तर प्रदेश)

©Ramji Tiwari

सुप्रभात मित्रों जय सियाराम @Author Shivam kumar Mishra (Shivanjal) @santosh tiwari Sudha Tripathi @deepshi bhadauria @Raushni Tripathi भक

135 View

White बेटियों को तितलियां नहीं मधुमक्खी बनाओ, पंखों की उड़ान के साथ डंक की सुरक्षा भी जरूरी है। ©Alekh Sharma(Aayu)

#विचार #Sad_shayri  White बेटियों को तितलियां नहीं मधुमक्खी बनाओ,
पंखों की उड़ान के साथ डंक की सुरक्षा भी जरूरी है।

©Alekh Sharma(Aayu)

#Sad_shayri saumya Jain @Rimple Mahal @naina @Anchal Tripathi Anudeep

10 Love

 White कर रहा हूं रात दिन
और कितना श्रम करूं 
फटी हुई कमीज को
और कितना नम करूं 
जी रहा हूं मार कर मन
छोड़ता मैं सब गया
ख्वाहिशों की कतारें 
और कितना कम करूं
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं
रोज कन्धे सह रहे है
बोझ जिम्मेदारीयों का
नजरे छिपाते चल रहे
जाने कितने उधरियों का,
बालकों सा चंचल बनू
और फिर बहुत उधम करूं
मन मेरा भी चाहता है,
कम थोड़ा परिश्रम करूं 
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं
माता पिता भूखे रहे
या बच्चों का बचपन छीन लूं
पत्नि के सुख को मार कर 
खुशियों के आंसु बीन लूं
खुद को खुद ही मार कर,
दुखों को यूं खत्म करूं,
या फिर सुखों की पोटली,
पाने का मै वहम करूं
                     कर रहा हूं रात दिन
                     और कितना श्रम करूं

©अनुज

@Pushpvritiya @Divya Joshi Sudha Tripathi RAVINANDAN Tiwari

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#Quotes

samaya ka kehel nirala @Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay Anjana @Md Tahzeeb Alam love quotes in hindi

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#कविता #poems  White कविता 1: बचपन

बचपन की यादें जब आती हैं, दिल में एक हलचल सी मचाती हैं। वो मासूमियत, वो प्यारी बातें, सब कुछ जैसे कल की बातें।

कविता 2: प्रकृति का सौंदर्य

हरियाली का नज़ारा जब होता है, मन खुशियों से भर जाता है। चिड़ियों का गीत, फूलों की महक, प्रकृति का सौंदर्य, दिल को बहलाता है।

©AK MASTERS

#poems प्रेरणादायी कविता हिंदी

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