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#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #GoodMorning #Live #Like  White *मसअले न हो तो मसाइल का हल क्या है, 
दम अशआर में न हो तो,फिर गजल क्या है/१

हमारे*लहजे में*बेरूखी तो न थी,अब बेवजह,
आपके मन में,फिर ये हलचल क्या है//२

वो अपनी हरकतों से*आलमअश्कार हो तो गए,
अब होने को आज क्या,फिर कल क्या है//३

सोचिए एक उम्र ही तो*बसर करनी है सबको,
अब देखना  *अबद क्या है,फिर*अजल क्या है//

कौन है,जो*मुत्तासिर नही होता*तर्क_ताल्लुक से,
कौन समझेगा,फिर ये लगावट दरअसल क्या है//५

"शमा"को तो,मुखोटो में नजर आ गई,अब कई*जीस्त,
गर ये गुनाह नही,तो फिर वो*अदल क्या है//६
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#GoodMorning *मसअले न हो तो मसाइल का हल क्या है, दम अशआर में न हो तो,फिर गजल क्या है/१ *समस्या हमारे*लहजे में*बेरूखी तो न थी,अब बेवजह, आपके

594 View

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल
तेरी चाहत का है असर मुझमें ।
एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
ज़िन्दगी ये हसीन भी होती ।
पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।।
जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको
उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।।
खोजते तुम जिसे हमीं में हो ।
उसका होता नहीं बसर मुझमें ।।
व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा ।
वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।।
दिल चुराया अगर तुम्हारा है ।
कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।।
भूलकर भी न दूर जाता है ।
वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।।
०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

15 Love

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल
तेरी चाहत का है असर मुझमें ।
एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

ज़िन्दगी ये हसीन भी होती ।
पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।।

जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको
उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।।

खोजते तुम जिसे हमीं में हो ।
उसका होता नहीं बसर मुझमें ।।

व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा ।
वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।।

दिल चुराया अगर तुम्हारा है ।
कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।।

भूलकर भी न दूर जाता है ।
वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।।
०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

16 Love

#शायरी

तल्ख़ियाँ भी लाज़मी हैं ज़िंदगी के वास्ते इतना मीठा बन के मत रहिए शकर हो जाएगी ज़िंदगी की हर कहानी बे-असर हो जाएगी हम न होंगे तो ये दुनिया द

126 View

#शायरी  Village Life अ बसर तू बता, तू  किसके भरोसे है। ना खुदा ना राम तू क्या-क्या सोचे है। जब गई सिया चुराई, था राम भी वही। फिर तकदीरों को कोसें है। अ बसर तू बता, तू किसके भरोसे है। ???

©Suneel Nohara

अ बसर तू बता ,, चाँदनी @Anshu writer अदनासा- परिंदा Nîkîtã Guptā

405 View

#shamawritesBebaak #writersofindia #poetsofindia #GoodMorning #Live #Like  White *मसअले न हो तो मसाइल का हल क्या है, 
दम अशआर में न हो तो,फिर गजल क्या है/१

हमारे*लहजे में*बेरूखी तो न थी,अब बेवजह,
आपके मन में,फिर ये हलचल क्या है//२

वो अपनी हरकतों से*आलमअश्कार हो तो गए,
अब होने को आज क्या,फिर कल क्या है//३

सोचिए एक उम्र ही तो*बसर करनी है सबको,
अब देखना  *अबद क्या है,फिर*अजल क्या है//

कौन है,जो*मुत्तासिर नही होता*तर्क_ताल्लुक से,
कौन समझेगा,फिर ये लगावट दरअसल क्या है//५

"शमा"को तो,मुखोटो में नजर आ गई,अब कई*जीस्त,
गर ये गुनाह नही,तो फिर वो*अदल क्या है//६
#shamawritesBebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#GoodMorning *मसअले न हो तो मसाइल का हल क्या है, दम अशआर में न हो तो,फिर गजल क्या है/१ *समस्या हमारे*लहजे में*बेरूखी तो न थी,अब बेवजह, आपके

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ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल
तेरी चाहत का है असर मुझमें ।
एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।
ज़िन्दगी ये हसीन भी होती ।
पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।।
जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको
उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।।
खोजते तुम जिसे हमीं में हो ।
उसका होता नहीं बसर मुझमें ।।
व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा ।
वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।।
दिल चुराया अगर तुम्हारा है ।
कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।।
भूलकर भी न दूर जाता है ।
वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।।
०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

15 Love

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।। ज़िन्दगी ये हसीन भी होती । पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।। जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।। खोजते तुम जिसे हमीं में हो । उसका होता नहीं बसर मुझमें ।। व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा । वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।। दिल चुराया अगर तुम्हारा है । कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।। भूलकर भी न दूर जाता है । वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।। ०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल
तेरी चाहत का है असर मुझमें ।
एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

ज़िन्दगी ये हसीन भी होती ।
पर अभी बाकी कुछ कसर मुझमें ।।

जिस तरह चाहता हूँ मैं तुमको
उस तरह यार फिर उतर मुझमें ।।

खोजते तुम जिसे हमीं में हो ।
उसका होता नहीं बसर मुझमें ।।

व्यर्थ करती है इश्क़ का दावा ।
वह न आती कहीं नज़र मुझमें ।।

दिल चुराया अगर तुम्हारा है ।
कह दे उससे अभी निकर मुझमें ।।

भूलकर भी न दूर जाता है ।
वो सितमगर छुपा प्रखर मुझमें ।।
०९/०४/२०२४     -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल तेरी चाहत का है असर मुझमें । एक सुंदर बसा नगर मुझमें ।।

16 Love

#शायरी

तल्ख़ियाँ भी लाज़मी हैं ज़िंदगी के वास्ते इतना मीठा बन के मत रहिए शकर हो जाएगी ज़िंदगी की हर कहानी बे-असर हो जाएगी हम न होंगे तो ये दुनिया द

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#शायरी  Village Life अ बसर तू बता, तू  किसके भरोसे है। ना खुदा ना राम तू क्या-क्या सोचे है। जब गई सिया चुराई, था राम भी वही। फिर तकदीरों को कोसें है। अ बसर तू बता, तू किसके भरोसे है। ???

©Suneel Nohara

अ बसर तू बता ,, चाँदनी @Anshu writer अदनासा- परिंदा Nîkîtã Guptā

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