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#कविता #मन  इस मन कि व्यथा किसे सुनाऊं
कोई साथ नही मेरे सुनने को..!
इस मन कि व्यथा..!
सीधा हूं भोला हूं, प्यारा हूं, जग से न्यारा हूं
ना नौकरी है, ना ही कोई रोजगार है,
अपने आप से ही हारा हूं..
इस मन कि व्यथा..!
कोई प्रेम से पुकारने वाला नही,
कोई प्यार करने वाला नही,
हर रूह मे मेरे लिये कोई जगह नही
तपस्या मे बैठा हूं किसी ने ढंग से पुकारा नही,
इस मन कि व्यथा..किसे सुनाऊं
कोई समझने वाला नही..!!

©HARSH369

#मन की व्यथा

126 View

 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

198 View

#व्यथा #राज़ #मन  मन की व्यथा सुनाऊं तो किसे ?
कोई है अपना ।?
शायद नहीं.....
कौन जाने कितना टूटा हुआ है 
अंदर ही अंदर बिखर रहा है।

जख्म अब नीले या हरे नहीं होते 
कोई पूछे तो अब शब्दों में बयां नहीं होते ।

जो है ,अपना है,अपने तक ही रख लूं 
ना बताऊं किसी को ,
ये राज़ , राज़ ही रख लूं।।।

©manju Ahirwar
#शायरी #व्यथा  मुस्कान रहे तो नसीब में,
तस्वीरों में सब मुस्काते।
दिलबर रहे तो करीब में,
पीरों में वो कब हर्षाते।।
#शायरी  

निज मन की मौन व्यथायें भी 
मसिपथ  पर भारी पड़ती हैं ।
अनकही   वेदना  निर्धन  की 
आ कभी  सृजन से  लड़ती हैं।

©BS NEGI

मौन व्यथा

135 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

1,710 View

#कविता #मन  इस मन कि व्यथा किसे सुनाऊं
कोई साथ नही मेरे सुनने को..!
इस मन कि व्यथा..!
सीधा हूं भोला हूं, प्यारा हूं, जग से न्यारा हूं
ना नौकरी है, ना ही कोई रोजगार है,
अपने आप से ही हारा हूं..
इस मन कि व्यथा..!
कोई प्रेम से पुकारने वाला नही,
कोई प्यार करने वाला नही,
हर रूह मे मेरे लिये कोई जगह नही
तपस्या मे बैठा हूं किसी ने ढंग से पुकारा नही,
इस मन कि व्यथा..किसे सुनाऊं
कोई समझने वाला नही..!!

©HARSH369

#मन की व्यथा

126 View

 मन कि व्यथा मन ही जाने,
ना तुम जान सको न मैं जानू
क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन
ना तुम जान सको ना हि मैं जानू..
बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं
रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं
जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है
बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..!
बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने
ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..!
मन की व्यथा..मन हि जाने..!!

©SHI.V.A 369

#मन की व्यथा..!! #कविता मन की

198 View

#व्यथा #राज़ #मन  मन की व्यथा सुनाऊं तो किसे ?
कोई है अपना ।?
शायद नहीं.....
कौन जाने कितना टूटा हुआ है 
अंदर ही अंदर बिखर रहा है।

जख्म अब नीले या हरे नहीं होते 
कोई पूछे तो अब शब्दों में बयां नहीं होते ।

जो है ,अपना है,अपने तक ही रख लूं 
ना बताऊं किसी को ,
ये राज़ , राज़ ही रख लूं।।।

©manju Ahirwar
#शायरी #व्यथा  मुस्कान रहे तो नसीब में,
तस्वीरों में सब मुस्काते।
दिलबर रहे तो करीब में,
पीरों में वो कब हर्षाते।।
#शायरी  

निज मन की मौन व्यथायें भी 
मसिपथ  पर भारी पड़ती हैं ।
अनकही   वेदना  निर्धन  की 
आ कभी  सृजन से  लड़ती हैं।

©BS NEGI

मौन व्यथा

135 View

#कविता #LongRoad  घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 
सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, 
शाम संग यादों का कारवां लाती है, 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। 

सब कुछ है इस शहर मे, 
बस अपनापन नही, कोई अपना नही
करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। 
जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, 
पापा का वो हलचल... 
गाँव का वो डॉक्टर... 
जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से
जब अंगुली जल जाती है, 
खाना बन गया है आके खालो ये आवाज 
कान से होकर आँखों तक आ जाती है... 
बस मे धक्के खाते वक्त 
पापा का बाईक से  स्कूल  छोड़नी याद आती है। 
बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। 
घर से दूर घर की याद बहुत आती है।।

©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla

#LongRoad कविता # घर की याद...

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