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New अजमाना याराना लगीन सवारी Status, Photo, Video

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#जिम्मेदारी #रफ़्तार #यात्रा #where_is_my_train #लहरों #कविता  White लहरों सी लहराती जाये 
सीटी बजाती धुआं उड़ाती जाये l
कोई न रोक सके रफ़्तार 
लोह पथ गामिनी ये कहलाये l

दुनिया भर का बोझ उठाये 
रात और दिन का सफर कराये l
 सबसे उत्तम इसकी सवारी 
सबकी सुरक्षा की जिम्मेदारी l

भ्रमण रेल का मन भरमाये
 कुल्हड़ की चाय जी ललचाये l
चाट पकोड़ी चटनी कचौड़ी 
सब्ज़ी - पूरी भूख बढ़ाये ।


रेल की दोस्ती याद रह जाये 
छोटी मुलाकातें बड़ी बातें कराये l
मिलजुल के हमें रहना सिखाये 
भेदभाव की भावना मिटाये l

नगरी नगरी सबको पहुचाये दोस्तो, रिश्तेदारों से हमें मिलाये 
कश्मीर से कन्याकुमारी की , यात्रा ये आसान बनाये


मंज़िल से ज़ादा सफर का मज़ा है
 होता सबको उल्लास बड़ा है
 रेल से सीखा हमने यारो 
मिलो की दूरी तत्काल में हो जाये 
रिश्ते हो करीब तो दूरी घट जाये ।

©Shivkumar बेजुबान शायर

#where_is_my_train #Train #trainjourney #Nojoto लोह पथ गामिनी - #रेल : रेलयात्रा RHYTHMIC POEM ON #Trains JOURNEY #लहरों सी लहराती ज

117 View

#mothers_day  White हर वक़्त फ़िक्र-ए-मर्ग-ए-ग़रीबाना चाहिए
सेह्हत का एक पहलू मरीज़ाना चाहिए

दुनिया-ए-बे-तरीक़ में जिस सम्त भी चलो
रस्ते में इक सलाम रफीक़ाना चाहिए

आँखों में उमडे रूह की नज़दीकियों के साथ
ऐसा भी एक दूर का याराना चाहिए

क्या पस्तियों की ज़िल्लतें क्या अज़्मतों के फ़ौज़
अपने लिए अज़ाब जुदागाना चाहिए

अब दर्द-ए-शुश भी साँस की कोशिश में है शरीक
अब क्या हो अब तो नींद को आ जाना चाहिए

रौशन तराइयों से उतरती हवा में आज
दो चार गाम लग़्ज़िश-ए-मस्ताना चाहिए

'अमजद' इन अश्क-बार ज़मानों के वास्ते
इक साअत-ए-बहार का नज़राना चाहिए

©Jashvant

#mothers_day # मेरी मां का याराना @Geet Sangeet PФФJД ЦDΞSHI Dr.Mahira khan @Madhu Kashyap @Satyaprem Upadhyay

198 View

#कालरात्रि #नवरात्रि #भक्ति #navaratri2024 #आरती #navratri2025  मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का,
क्षण में करती नाश दुष्ट,दैत्य, दानव का।

स्मरणमात्र से भाग जाते भूत, प्रेत, निशाचर,
उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर।

उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का,
नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का।

नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला,
त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का।

दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में,
बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में।

तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र,
विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक।

शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का,
शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता।

गुड़हल का पुष्प है प्रिय, गुड़ का भोग लगाते हैं,
कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं।

©Shivkumar

#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #navaratri #नवरात्रि मां का सप्तम रूप है मां #कालरात्रि का, क्षण में करती #नाश दु

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#नवरात्रि2024 #नवरात्रि #ब्रह्मा #विष्णु #आराधना #बाधाएं  जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी,
स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन मोहिनी ।

ब्रह्मा,विष्णु व महेश के तेज से चतुर्थी को उत्पत्ति,
उस दिन से असुरों पर आई बहुत बड़ी विपत्ति ।

कात्यायनी मां का छठे दिवस करो तुम ध्यान,
सब बाधाएं दूर करें मां है कृपा निधान ।

लाल चुन्नी व मधु है मां को अत्यंत प्रिय,
ध्यान रखना मिलेगा तुम्हें शौर्य ।

जग की तारणहार देवी का कात्यायनी नाम,
मन से करो आराधना मिलेगा मोक्ष धाम ।

चार भुजा धारी करती सिंह की सवारी,
दुःखों को तुम हरती हम हैं तेरे आभारी ।

सब देवी-देवताओं को थी तुमसे बहुत आस,
दशमी को किया असुर महिषासुर का विनाश ।

कोई बाधा है अगर तुम्हारे विवाह में,
हो जाएगी पूरी देवी मां की चाह में ।

हे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी,
रखना ध्यान तेरे चरणों में है यह कवि ।

मां कात्यायनी रोग,शोक, संताप,भय नाशिनी,
मां कात्यायनी अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष दायिनी ।

©Shivkumar

#navratri #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जय हो तेरी ऋषि कात्यायन पुत्री मां कात्यायनी, स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन #मोहिनी#ब्रह्मा

108 View

#सर्वशक्तिमान #नवरात्रि2024 #शक्तिशाली #स्कंदमाता #नवरात्रि #भक्ति  
 जिसकी पूजा नवरात्रि के ,पांचवें दिन होती है ।
जिसके समान  ,सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं है ।।

कमल आसन पर विराजती, सिंह जिनकी सवारी है।
  होंठों पर मृदुल मुस्कान , अदम्य साहसी नारी है ।।

माता पार्वती ने धारण , वो पांचवां रुप मां का किया ।
पुत्र स्कंद को शिक्षित करने हेतु , स्कंदमाता बनी ।।

तारकासुर के अत्याचारों से , जब जग त्रस्त हुआ ।
इंद्रादिक देवगण स्वर्ग छोड़े , उससे परास्त हुए ।।

उसे शिवपुत्र के हाथों वध का , उनको वरदान मिला था ।
तब शिवपुत्र के रूप में ,  अवतार स्कंद का हुआ ।।

उसी स्कंद को शिक्षित करने  हेतु आई स्कंदमाता ।
अति सौम्य,अति शक्तिशाली , अति दयालु माता है ।।

श्वेत वस्त्र, श्वेत भोग , स्कंदमाता को अति प्रिय है ।
 स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा करें ।।

हर विपदा दूर होगी ,  हर मुश्किलें परास्त होगी ।
मां अपने भक्तों को सदा , आश्वस्त करती है ।।

©Shivkumar

#navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं

144 View

गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...

लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना ।
सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।।
और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं ।
मातु पे सुत का सदा अधिकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.....

मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ ।
चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।।
उन पहाड़ों पे करे माँ वास है ।
सुन रही वो भक्त की दरकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....

गीत गाकर आज बंदनवार कर ।
मातु का अब भोग भी तैयार कर ।।
आ गई हैं कर सवारी सिंह की ।
अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....

मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल ।
फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।।
भूल तेरी आज हो जाये क्षमा ।
कष्ट से होते वही उद्धार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।।

आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
१०/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...

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#जिम्मेदारी #रफ़्तार #यात्रा #where_is_my_train #लहरों #कविता  White लहरों सी लहराती जाये 
सीटी बजाती धुआं उड़ाती जाये l
कोई न रोक सके रफ़्तार 
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रात और दिन का सफर कराये l
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भेदभाव की भावना मिटाये l

नगरी नगरी सबको पहुचाये दोस्तो, रिश्तेदारों से हमें मिलाये 
कश्मीर से कन्याकुमारी की , यात्रा ये आसान बनाये


मंज़िल से ज़ादा सफर का मज़ा है
 होता सबको उल्लास बड़ा है
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मिलो की दूरी तत्काल में हो जाये 
रिश्ते हो करीब तो दूरी घट जाये ।

©Shivkumar बेजुबान शायर

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सेह्हत का एक पहलू मरीज़ाना चाहिए

दुनिया-ए-बे-तरीक़ में जिस सम्त भी चलो
रस्ते में इक सलाम रफीक़ाना चाहिए

आँखों में उमडे रूह की नज़दीकियों के साथ
ऐसा भी एक दूर का याराना चाहिए

क्या पस्तियों की ज़िल्लतें क्या अज़्मतों के फ़ौज़
अपने लिए अज़ाब जुदागाना चाहिए

अब दर्द-ए-शुश भी साँस की कोशिश में है शरीक
अब क्या हो अब तो नींद को आ जाना चाहिए

रौशन तराइयों से उतरती हवा में आज
दो चार गाम लग़्ज़िश-ए-मस्ताना चाहिए

'अमजद' इन अश्क-बार ज़मानों के वास्ते
इक साअत-ए-बहार का नज़राना चाहिए

©Jashvant

#mothers_day # मेरी मां का याराना @Geet Sangeet PФФJД ЦDΞSHI Dr.Mahira khan @Madhu Kashyap @Satyaprem Upadhyay

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#कालरात्रि #नवरात्रि #भक्ति #navaratri2024 #आरती #navratri2025  मां का सप्तम रूप है मां कालरात्रि का,
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उज्जैन से दूर हो जाते हैं पल में ग्रह-बाधा हर।

उपवासकों को नहीं भय अग्नि, जल, जंतु का,
नहीं होता है भय कभी भी रात्रि या शत्रु का।

नाम की तरह रुप भी है अंधकार-सा काला,
त्रिनेत्रधारी है माताजी सवारी है गर्दभ का।

दाहिना हाथ ऊपर उठा रहता है वरमुद्रा में,
बाया हाथ नीचे की ओर है अभय मुद्रा में।

तीसरे हाथ में मां के है खड्ग, चौथे में लौहशस्त्र,
विशेष पूजा रात्रि में मां की करते हैं तंत्र साधक।

शुभकारी है दूसरा नाम मां कालरात्रि का,
शुभ करने वाली है मां, है सबकी मान्यता।

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कपूर या दीपक जलाकर मां की आरती करते हैं।

©Shivkumar

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स्वर्ण जैसे सुनहरी तन वाली आभा तेरी मन मोहिनी ।

ब्रह्मा,विष्णु व महेश के तेज से चतुर्थी को उत्पत्ति,
उस दिन से असुरों पर आई बहुत बड़ी विपत्ति ।

कात्यायनी मां का छठे दिवस करो तुम ध्यान,
सब बाधाएं दूर करें मां है कृपा निधान ।

लाल चुन्नी व मधु है मां को अत्यंत प्रिय,
ध्यान रखना मिलेगा तुम्हें शौर्य ।

जग की तारणहार देवी का कात्यायनी नाम,
मन से करो आराधना मिलेगा मोक्ष धाम ।

चार भुजा धारी करती सिंह की सवारी,
दुःखों को तुम हरती हम हैं तेरे आभारी ।

सब देवी-देवताओं को थी तुमसे बहुत आस,
दशमी को किया असुर महिषासुर का विनाश ।

कोई बाधा है अगर तुम्हारे विवाह में,
हो जाएगी पूरी देवी मां की चाह में ।

हे ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी,
रखना ध्यान तेरे चरणों में है यह कवि ।

मां कात्यायनी रोग,शोक, संताप,भय नाशिनी,
मां कात्यायनी अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष दायिनी ।

©Shivkumar

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#सर्वशक्तिमान #नवरात्रि2024 #शक्तिशाली #स्कंदमाता #नवरात्रि #भक्ति  
 जिसकी पूजा नवरात्रि के ,पांचवें दिन होती है ।
जिसके समान  ,सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं है ।।

कमल आसन पर विराजती, सिंह जिनकी सवारी है।
  होंठों पर मृदुल मुस्कान , अदम्य साहसी नारी है ।।

माता पार्वती ने धारण , वो पांचवां रुप मां का किया ।
पुत्र स्कंद को शिक्षित करने हेतु , स्कंदमाता बनी ।।

तारकासुर के अत्याचारों से , जब जग त्रस्त हुआ ।
इंद्रादिक देवगण स्वर्ग छोड़े , उससे परास्त हुए ।।

उसे शिवपुत्र के हाथों वध का , उनको वरदान मिला था ।
तब शिवपुत्र के रूप में ,  अवतार स्कंद का हुआ ।।

उसी स्कंद को शिक्षित करने  हेतु आई स्कंदमाता ।
अति सौम्य,अति शक्तिशाली , अति दयालु माता है ।।

श्वेत वस्त्र, श्वेत भोग , स्कंदमाता को अति प्रिय है ।
 स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा करें ।।

हर विपदा दूर होगी ,  हर मुश्किलें परास्त होगी ।
मां अपने भक्तों को सदा , आश्वस्त करती है ।।

©Shivkumar

#navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं

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गीत :- आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ... लोग माँ की कर रहे हैं अर्चना । सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।। और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं । मातु पे सुत का सदा अधिकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है..... मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ । चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।। उन पहाड़ों पे करे माँ वास है । सुन रही वो भक्त की दरकार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... गीत गाकर आज बंदनवार कर । मातु का अब भोग भी तैयार कर ।। आ गई हैं कर सवारी सिंह की । अब उन्हीं की हर तरफ जयकार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.... मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल । फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।। भूल तेरी आज हो जाये क्षमा । कष्ट से होते वही उद्धार है । आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।। आ गया नवरात्रि का त्यौहार है । देख लो माँ का सजा दरबार है ।। १०/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  गीत :-
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ...

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सुन रही हैं मातु सबकी वंदना ।।
और हठ बैठे किए कुछ भक्त हैं ।
मातु पे सुत का सदा अधिकार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है.....

मातु सेवा में लगा दी पीढियाँ ।
चढ़ रहे हम भक्त सारे सीढियाँ ।।
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सुन रही वो भक्त की दरकार है ।
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मातु का अब भोग भी तैयार कर ।।
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आ गया नवरात्रि का त्यौहार है....

मोह माया छोड़ माँ के द्वार चल ।
फिर न मौका ही मिलेगा सोच कल ।।
भूल तेरी आज हो जाये क्षमा ।
कष्ट से होते वही उद्धार है ।
आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।।

आ गया नवरात्रि का त्यौहार है ।
देख लो माँ का सजा दरबार है ।।
१०/०४/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

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