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New लखानी स्पर्श जूते Status, Photo, Video

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#Quotes  बो आप से सीखा है....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# बिना छुए ही,एहसासों मे स्पर्श महसूस करना,यही तो शायरी में लिखे,शब्दो का हुनर है,बो आप से सीखा है......

153 View

#कविता  White कांच की अलमारी   में पडी किताबे 
हसरत भरी निगाह से मुझे झाँक कर देखती थी  ज़ब मै उनके नज़दीक से  बिना उन्हें अभिवादन किये  गुज़र 
जाता  हू 
वे तरसती हैँ मेरा स्नेहसिक्त स्पर्श पाने के लिए ....जो उन्हें एक कम्बे अर्से से नहीं मिला  हैँ 

..

©Arora PR

स्पर्श

108 View

#शायरी  


अश्रू भिजल्या पावसाचे पुन्हा 
नेहमीसारखे दिसेनासे होतील 
पाणी वाहून जाणार खरे 
पण दुःख कसे जाणारं ? 
राहिलेले मनात साचून 


प्रेमापोटी हवेच्या, देणाऱ्या झाडांना 
स्पर्श करून
वाळलेल्या प्रत्येक पानांमध्ये 
येईल श्वास भरून ....


न लिहिलेली कहाणी कोण जाईल वाचून
अर्धी तिच्या सवे अर्धी तिच्या वाचून ....!

©gaTTubaba

जेव्हा मिळाली पावसाला वादळी हवा त्याच्यासाठी जीवघेणा नजरेचा खेळ नाही नवा क्षणार्धाची साथ जेव्हा जाईल ती सोडून

135 View

#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

108 View

#ruchikikalamse #SunSet #Hope  White जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,
 कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा।
कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,
कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो,
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा 
कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो,
कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा।
 कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने 
तो कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा।
 कहीं होगी तारीफे चेहरे पर तो, 
कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा । 
तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, 
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा। 
रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श' तू, 
अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा

©Ruchi Rathore

रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श' तू, अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा #SunSet #ruchikikalamse #Hope @Sethi Ji @indu singh @Lalit Saxena Anshu

666 View

#its_poetry  sunset nature तुम्हारी खिड़की पर
आके रुकूंगी पवन बनकर
तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी
सुगंध बनकर
स्पर्श करके तुम्हें
उन दीवारों में समा जाऊंगी
खुशबू बनकर
पट में लिपटकर तुम्हारे 
खुद को सिलवा कर
उन धागों संग खुद को उलझा कर
बसेरा अपना बना लूंगी
तुम बस महसूस करना
तुम्हारे आशियाने में रहकर
 मैं गीत अपने गाउंगी ।

©Bhanu Priya

#its_poetry तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खु

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#Quotes  बो आप से सीखा है....

©Rameshkumar Mehra Mehra

# बिना छुए ही,एहसासों मे स्पर्श महसूस करना,यही तो शायरी में लिखे,शब्दो का हुनर है,बो आप से सीखा है......

153 View

#कविता  White कांच की अलमारी   में पडी किताबे 
हसरत भरी निगाह से मुझे झाँक कर देखती थी  ज़ब मै उनके नज़दीक से  बिना उन्हें अभिवादन किये  गुज़र 
जाता  हू 
वे तरसती हैँ मेरा स्नेहसिक्त स्पर्श पाने के लिए ....जो उन्हें एक कम्बे अर्से से नहीं मिला  हैँ 

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©Arora PR

स्पर्श

108 View

#शायरी  


अश्रू भिजल्या पावसाचे पुन्हा 
नेहमीसारखे दिसेनासे होतील 
पाणी वाहून जाणार खरे 
पण दुःख कसे जाणारं ? 
राहिलेले मनात साचून 


प्रेमापोटी हवेच्या, देणाऱ्या झाडांना 
स्पर्श करून
वाळलेल्या प्रत्येक पानांमध्ये 
येईल श्वास भरून ....


न लिहिलेली कहाणी कोण जाईल वाचून
अर्धी तिच्या सवे अर्धी तिच्या वाचून ....!

©gaTTubaba

जेव्हा मिळाली पावसाला वादळी हवा त्याच्यासाठी जीवघेणा नजरेचा खेळ नाही नवा क्षणार्धाची साथ जेव्हा जाईल ती सोडून

135 View

#विचार #mango  White जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇

{Bolo Ji Radhey Radhey}
चरण स्पर्श:- 👣 भारतीय सभ्यता और संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन मानी जाती है। इस संस्कृति का आधार विज्ञान और धर्म के मेल से बना है। प्राचीन काल से ही यहां ऋषि मुनियों ने तप करके इस सभ्यता को निखारने और विश्व में सबसे उपर रखने के प्रयास किए हैं। भारतीय संस्कृति में जितनें भी कर्मकांड और नियम रखे गए हैं उनका धार्मिक और पौराणिक होने के साथ साथ वैज्ञानिक महत्व भी है इसी ही हमारी एक परंपरा है अपने से बड़ों को अभिवादन के रुप में पैर छूना। सनातन धर्म के अनुसार अपने से बड़ो को आदर देने के लिए उनके चरण स्पर्श किए जाते हैं, मगर चरण स्पर्श करने के पीछे सिर्फ सामाजिक कारण ही नही इसके अन्य भी कई महत्व है। 

आचरण समर्पण के भाव:- 👣 जब हम किसी बड़े के पैर छूते हैं तो यह दर्शाता है की हम अपने अहम का त्याग करके किसी के सम्मान और आदर के लिए उनके पैर छू रहे हैं, मतलब पूरी तरह से उनके प्रति समर्पण का भाव दिखा रहे हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:- 👣 चरण स्पर्श करने से छूने वाले और छुआने वाले दोनों के मन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। हमारे बड़े, बुजुर्ग और गुरु चाहे कितने भी गुस्से में या नाराज हो पैर छूने मात्र से ही उनके ह्रद्य में अक्समात ही प्रेम भाव उत्पन्न होते हैं और उनका गुस्सा या नाराजगी पल भर मे दूर हो जाती है। इसके साथ साथ मनोवैविज्ञान का ये भी कहना है की जो व्यक्ति नित्य नीयम से बड़ों के पैर छूता है उसमें किसी भी प्रकार का घमंड और अभिमान नही आ सकता। बड़ो के आगे झुकने से मन को शांति और सहनशीलता के गुण मिलते हैं।

वैज्ञानिक तर्क:- 👣 चरण स्पर्श करने के पिछे वैज्ञानिक आधार यह है की हमारा शरीर जो बहुत सी तंत्रिकाओं के मेल से बना हुआ है और जो तंत्रिकाए हमारे दिमाग से शुरु होती हैं वो हमारे हाथो और पैरो के पंजो पर आकर समाप्त होती हैं। जब हम चरण स्पर्श की प्रक्रिया के दौरान अपने हाथों की टीप को सामने वाले के विपरीत पैर के टिप को छुते हैं तो इस से शरीर की विद्युत चुंबकीय उर्जा का चक्र बनता है जिसकी उर्जा पूरे शरीर में प्रवाहित होती है। मतलब इस प्रक्रियां में दो शरीरों की उर्जा मिल जाती है जिसमें पैर छूने वाला उर्जा ग्रहण करता है और पैर छूआने वाला उर्जा देने वाला होता है।

धार्मिक तर्क👣 चरण स्पर्श के इस नियम का हिंदु धर्म शास्त्रो नें भी बखूबी बखान किया है.

👣 अगर सरल शब्दों कहा जाए तो जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है।

चरण स्पर्श का सामाजिक महत्व:- 👣 अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने का नित्य नियम समाज को एक सही दिशा प्रदान करता है। घर में जब हम अपने से बड़ो के पैर छूते हैं तो उसमें हमारा आचरण अच्छा होता है औऱ बुजुर्गों का सम्मान बढता है। जिससे बड़ो के प्यार के साथ साथ उनका विश्वास भी हम जीत सकते हैं। नई पीढी इस प्रकार कि क्रिया कलापों को देख कर सकारात्मक उर्जा ग्रहण करती है और आगे चल कर हमें भी जिंदगी में अपनी औलाद से सम्मान मिलता है। घर परिवार के अलावा अन्य बुजुर्गों के पैर छूने से समाज में एक अच्छी सोच का संचालन होता है और आपसी मनमुटाव होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए आप भी अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करने की नित्य क्रिया को अपना कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं।

©N S Yadav GoldMine

#mango जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के चरणस्पर्श करता है उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है जानिए इसका महत्व !! 🙇🙇 {Bolo Ji Ra

108 View

#ruchikikalamse #SunSet #Hope  White जब तक चलेगी जिंदगी की सांसे,
 कहीं प्यार कहीं टकराव मिलेगा।
कहीं बनेंगे संबंध अंतर्मन से तो,
कहीं आत्मीयता का अभाव मिलेगा
कहीं मिलेगी जिंदगी में प्रशंसा तो,
कहीं नाराजगियों का बहाव मिलेगा 
कहीं मिलेगी सच्चे मन से दुआ तो,
कहीं भावनाओं में दुर्भाव मिलेगा।
 कहीं बनेंगे पराए रिश्तें भी अपने 
तो कहीं अपनों से ही खिंचाव मिलेगा।
 कहीं होगी तारीफे चेहरे पर तो, 
कहीं पीठ पे बुराई का घाव मिलेगा । 
तू चलाचल राही अपने कर्मपथ पे, 
जैसा तेरा भाव वैसा प्रभाव मिलेगा। 
रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श' तू, 
अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा

©Ruchi Rathore

रख स्वभाव में शुद्धता का 'स्पर्श' तू, अवश्य जिंदगी का पड़ाव मिलेगा #SunSet #ruchikikalamse #Hope @Sethi Ji @indu singh @Lalit Saxena Anshu

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#its_poetry  sunset nature तुम्हारी खिड़की पर
आके रुकूंगी पवन बनकर
तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी
सुगंध बनकर
स्पर्श करके तुम्हें
उन दीवारों में समा जाऊंगी
खुशबू बनकर
पट में लिपटकर तुम्हारे 
खुद को सिलवा कर
उन धागों संग खुद को उलझा कर
बसेरा अपना बना लूंगी
तुम बस महसूस करना
तुम्हारे आशियाने में रहकर
 मैं गीत अपने गाउंगी ।

©Bhanu Priya

#its_poetry तुम्हारी खिड़की पर आके रुकूंगी पवन बनकर तुम्हारे इत्र में मिल जाऊंगी सुगंध बनकर स्पर्श करके तुम्हें उन दीवारों में समा जाऊंगी खु

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