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New कई जन्मों से बुला रही Status, Photo, Video

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#शायरी #महफिल #गुलशन #अपना #बुला #सजा  White खिलते फूलों को महफिल में सजा लेना।
याद हमारी आये तो मोहब्बत से बुला लेना।।
इंतज़ार में यह उम्र यूं ही गुजर न जाये।
वक्त रहते खुशियों का गुलशन खिला लेना।।

©Shubham Bhardwaj
#कविता #nojotohindi #good_night  White पल्लव की डायरी
धुरी हमारी बिपरीत घूम रही है
सत्यता जीवन की धूमिल हो रही है
मिथ्याज्ञान ही उपलब्धि समझ बैठे
शरीर और ज्ञान की ऐसी तैसी हो रही है
परस्पर बने है एक दुसरो के लिये
खींचतान पतन की ओर ही रही है
हवा जल सब जहरीले कर
जाति बिरादरी से संघर्षों अति हो रही है
उम्र सबकी कम हो रही है
बीमारी की चपेट में अंग अंग है
दुर्गति विशेष ज्ञान से हो रही है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दुर्गति विशेष ज्ञान से हो रही है #nojotohindi

162 View

 यूँ तो पहले भी हुए उस से कई बार जुदा 

लेकिन अब के नज़र आते हैं कुछ आसार जुदा 

गर ग़म-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ है तो ठहर जा ऐ जाँ 

कि इसी मोड़ पे यारों से हुए यार जुदा 

दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है 

जिस तरह साया-ए-दीवार से दीवार जुदा 

ये जुदाई की घड़ी है कि झड़ी सावन की 

मैं जुदा गिर्या-कुनाँ अब्र जुदा यार जुदा 

कज-कुलाहों से कहे कौन कि ऐ बे-ख़बरों 

तौक़-ए-गर्दन से नहीं तुर्रा-ए-दस्तार जुदा 

कू-ए-जानाँ में भी ख़ासा था तरह-दार 'फ़राज़' 

लेकिन उस शख़्स की सज-धज थी सर-ए-दार जुदा

©सत्यमेव जयते

यूँ तो पहले भी हुए उस से कई बार जुदा

81 View

#कविता  सुबह सिंदूरी, दिन मख़मली, रात ही बैरन होय,
पिया मिलन की आस में, मैं साँसें रही संजोय।

कहा तो, क्या तुम साथ चलोगे, हाथों में ले हाथ,
कभी न मुझसे दूर रहोगे, कर लूँ क्या विश्वास।

मन उलझा है कई चक्र में, क्या बोलूँ क्या छोड़ूँ,
मेरे मन की भाषा पढ़ लो, प्रीत मैं तुझसे जोड़ूँ।

जनम-जनम का बन्धन है ये, आज की प्रीत नहीं है,
जो - दो पल में ही, मिट जाए, ऐसी नियति नहीं है।

सब कुछ कहकर भी- क्यूँ लगता है, बात न पूरी सी है,
समझ सको तो समझ लो - क्यूँ ये, रैन अधूरी सी है।।

🍁🍁🍁

©Neel

जन्मों का बंधन 🍁

1,377 View

bench आंखों से आंसू क्या निकले      शब्द शब्द आग उगलने लगे   कुछ शब्दो ने   वाह को चुना  कुछ ने कविता से आह  भरी  कई सत्य मौन मुखर हुए     कई कई संवेदना शून्य । ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

#कविता #Quotes  bench आंखों से आंसू क्या निकले  
   शब्द शब्द आग उगलने लगे   
कुछ शब्दो ने   वाह को चुना 
 कुछ ने कविता से आह  भरी 
 कई सत्य मौन मुखर हुए 
    कई कई संवेदना शून्य ।

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

#कविता आंखों से आंसू क्या निकले      शब्द शब्द आग उगलने लगे   कुछ शब्दो ने   वाह को चुना  कुछ ने कविता से आह  भरी  कई सत्य मौन मुखर हुए

12 Love

#शायरी #MountainPeak  अगर मोहब्बत शक्ल से रही होगी
तो शक्ल तो रही नहीं , मोहब्बत कैसे रही होगी

©gaTTubaba

#MountainPeak अगर मोहब्बत शक्ल से रही होगी तो शक्ल तो रही नहीं , मोहब्बत कैसे रही होगी

225 View

#शायरी #महफिल #गुलशन #अपना #बुला #सजा  White खिलते फूलों को महफिल में सजा लेना।
याद हमारी आये तो मोहब्बत से बुला लेना।।
इंतज़ार में यह उम्र यूं ही गुजर न जाये।
वक्त रहते खुशियों का गुलशन खिला लेना।।

©Shubham Bhardwaj
#कविता #nojotohindi #good_night  White पल्लव की डायरी
धुरी हमारी बिपरीत घूम रही है
सत्यता जीवन की धूमिल हो रही है
मिथ्याज्ञान ही उपलब्धि समझ बैठे
शरीर और ज्ञान की ऐसी तैसी हो रही है
परस्पर बने है एक दुसरो के लिये
खींचतान पतन की ओर ही रही है
हवा जल सब जहरीले कर
जाति बिरादरी से संघर्षों अति हो रही है
उम्र सबकी कम हो रही है
बीमारी की चपेट में अंग अंग है
दुर्गति विशेष ज्ञान से हो रही है
                                       प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दुर्गति विशेष ज्ञान से हो रही है #nojotohindi

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 यूँ तो पहले भी हुए उस से कई बार जुदा 

लेकिन अब के नज़र आते हैं कुछ आसार जुदा 

गर ग़म-ए-सूद-ओ-ज़ियाँ है तो ठहर जा ऐ जाँ 

कि इसी मोड़ पे यारों से हुए यार जुदा 

दो घड़ी उस से रहो दूर तो यूँ लगता है 

जिस तरह साया-ए-दीवार से दीवार जुदा 

ये जुदाई की घड़ी है कि झड़ी सावन की 

मैं जुदा गिर्या-कुनाँ अब्र जुदा यार जुदा 

कज-कुलाहों से कहे कौन कि ऐ बे-ख़बरों 

तौक़-ए-गर्दन से नहीं तुर्रा-ए-दस्तार जुदा 

कू-ए-जानाँ में भी ख़ासा था तरह-दार 'फ़राज़' 

लेकिन उस शख़्स की सज-धज थी सर-ए-दार जुदा

©सत्यमेव जयते

यूँ तो पहले भी हुए उस से कई बार जुदा

81 View

#कविता  सुबह सिंदूरी, दिन मख़मली, रात ही बैरन होय,
पिया मिलन की आस में, मैं साँसें रही संजोय।

कहा तो, क्या तुम साथ चलोगे, हाथों में ले हाथ,
कभी न मुझसे दूर रहोगे, कर लूँ क्या विश्वास।

मन उलझा है कई चक्र में, क्या बोलूँ क्या छोड़ूँ,
मेरे मन की भाषा पढ़ लो, प्रीत मैं तुझसे जोड़ूँ।

जनम-जनम का बन्धन है ये, आज की प्रीत नहीं है,
जो - दो पल में ही, मिट जाए, ऐसी नियति नहीं है।

सब कुछ कहकर भी- क्यूँ लगता है, बात न पूरी सी है,
समझ सको तो समझ लो - क्यूँ ये, रैन अधूरी सी है।।

🍁🍁🍁

©Neel

जन्मों का बंधन 🍁

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bench आंखों से आंसू क्या निकले      शब्द शब्द आग उगलने लगे   कुछ शब्दो ने   वाह को चुना  कुछ ने कविता से आह  भरी  कई सत्य मौन मुखर हुए     कई कई संवेदना शून्य । ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

#कविता #Quotes  bench आंखों से आंसू क्या निकले  
   शब्द शब्द आग उगलने लगे   
कुछ शब्दो ने   वाह को चुना 
 कुछ ने कविता से आह  भरी 
 कई सत्य मौन मुखर हुए 
    कई कई संवेदना शून्य ।

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS

#कविता आंखों से आंसू क्या निकले      शब्द शब्द आग उगलने लगे   कुछ शब्दो ने   वाह को चुना  कुछ ने कविता से आह  भरी  कई सत्य मौन मुखर हुए

12 Love

#शायरी #MountainPeak  अगर मोहब्बत शक्ल से रही होगी
तो शक्ल तो रही नहीं , मोहब्बत कैसे रही होगी

©gaTTubaba

#MountainPeak अगर मोहब्बत शक्ल से रही होगी तो शक्ल तो रही नहीं , मोहब्बत कैसे रही होगी

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