Priyanjali

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नहीं मैं सिद्धहस्त कवियत्री कोई, भावों से शब्दों की माला बुनती हूँ.....!!! नहीं ज्ञान कवियों सा न ही विधाओं का.... बस जो मन में आता है वही पंक्तियों में लिख देती हूँ....!!! और क्या लिखूं, कैसे लिखूं हर शब्द हर पंक्ति में तुझको लिखूं।। बस थोड़ी सी ही..... बची ये ज़िन्दगानी है........ कुछ तेरी तो........ कुछ मेरी कहानी है.......! कुछ तेरी नई सी है...... .......... कुछ मेरी पुरानी है.....!!

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Happy Couples Day to All.... बाकी Caption में पढ़ें......... 🙏🙏🙏🙏🙏 ©Priyanjali

#समाज  Happy Couples Day to All....
बाकी
Caption में पढ़ें.........
🙏🙏🙏🙏🙏

©Priyanjali

💐💐💐 भारतीय पति-पत्नी.💐💐💐 एक बनाया गया *रिश्ता*....!!! पहले कभी एक दूसरे को *देखा* भी नहीं था.....!!! अब सारी *जिंदगी* एक दूसरे के साथ बिताना है | पहले *अपरिचित*, फिर धीरे धीरे होता है *परिचय* ...!!! धीरे-धीरे होने वाला *हृदय स्पर्श*, फिर *नोकझोंक*....

25 Love

नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️ वो प्रिया है, सबको प्रिय है, मधुर वाणी........, कर्णप्रिय स्वर....., अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से.., सबका मन मोह ले जाती है......!!!! सबको पसंद है वो...., सबकी चहेती है........., श्रेष्ठ पाठिका..........! नोजोटो की राजकुमारी कहलाती है........।। वो माणक है, सबकी मन के भाव समझता है...., "खम्माघनी" बोलके सबको चाय पिलाता है.....!! मुस्कान रहती है चेहरे पर सदा मासूमियत बेशुमार है.... लंबे चौड़े टिप्पणियों(comments) से....... प्रोत्साहित कर सबको...........! अपना बना लेता है.............!!!! विवेक हैं वो...............!!!!! श्रेष्ठ श्रोता, परम् मित्र, प्रशंसक भी हैं, आलोचक भी हैं, सबके पोस्ट पर जाते, प्रोत्साहित करते... मानो बुझते दीये के संरक्षक भी हैं....!!! विवेक को समझना आसान नहीं...।। पर समझ जाओगे........ पहले विवेक को तुम समझो, जानो................!! इसलिए विवेक को अपने विवेक से सुनो.......!!!! वो रेखा है, "मंजुलाहृदय" है......, "मंजुला" - सुंदर, मधुर..........., "हृदय" की समन्वय है...........!!!! NCC की कैडेट, उभरती हुई कवियत्री है, विशाल सपने हैं नयनों में, मानो अंकुरित बीज के उत्साह की परिचायक है वो....!!!! ©Priyanjali

#कविता #my_small_world #nojotowriters #NojotoWriter #Inspiration  नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️

वो प्रिया है, सबको प्रिय है,
मधुर वाणी........,
कर्णप्रिय स्वर.....,
अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से..,
सबका मन मोह ले जाती है......!!!!
सबको पसंद है वो....,
  सबकी चहेती है.........,
श्रेष्ठ पाठिका..........!
नोजोटो की राजकुमारी कहलाती है........।।

वो माणक है, सबकी मन के भाव समझता है....,
"खम्माघनी" बोलके सबको चाय पिलाता है.....!!
मुस्कान रहती है चेहरे पर सदा मासूमियत बेशुमार है....
लंबे चौड़े टिप्पणियों(comments) से.......
 प्रोत्साहित कर सबको...........!
    अपना बना लेता है.............!!!!

विवेक हैं वो...............!!!!!
श्रेष्ठ श्रोता, परम् मित्र, प्रशंसक भी हैं, आलोचक भी हैं,
सबके पोस्ट पर जाते, प्रोत्साहित करते...
मानो बुझते दीये के संरक्षक भी हैं....!!!
विवेक को समझना आसान नहीं...।।
पर समझ जाओगे........
पहले विवेक को तुम समझो, जानो................!!
इसलिए विवेक को अपने विवेक से सुनो.......!!!!

वो रेखा है, "मंजुलाहृदय" है......,
"मंजुला" - सुंदर, मधुर...........,
    "हृदय" की समन्वय है...........!!!!

NCC की कैडेट, उभरती हुई कवियत्री है,
विशाल सपने हैं नयनों में,
मानो अंकुरित बीज के उत्साह की परिचायक है वो....!!!!

©Priyanjali

नोजोटो के आकाश में मेरे चार सितारे....!☺️ वो प्रिया है, सबको प्रिय है, मधुर वाणी........, कर्णप्रिय स्वर....., अपनेपन और मीठी सी मुस्कान से.., सबका मन मोह ले जाती है......!!!! सबको पसंद है वो....,

36 Love

पतिदेव:- तुम डायरी में कविताएं लिखती हो और बंद करके रख देती हो। न किसी अखबार में भेजती हो न पत्रिकाओं में और न ही सोशल मीडिया में पोस्ट करती हो। मैं:- Ismein . Tum nahi Samjhoge 😂😂😂 ©Priyanjali

#कॉमेडी #नशा #addiction #Nasha #Meme  पतिदेव:- तुम डायरी में कविताएं लिखती हो और बंद करके रख देती हो। न किसी अखबार में भेजती हो न पत्रिकाओं में और न ही सोशल मीडिया में पोस्ट करती हो।






मैं:-
Ismein
.
Tum nahi Samjhoge
😂😂😂

©Priyanjali

#नशा #Nasha #addiction 😂😂😂 #Meme

34 Love

तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे.... मैं ओस की बूंद की भांति........ तुम पर गिर जाऊँगी......... मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना....., अपने पर थाम लेना मुझको....... जब फेहरेगि सूर्यकिरण....... मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!! तुम पवन सँग क्रीड़ा करना...... ताल से ताल मिलाना........ लहलहाते हुए नृत्य करना...... मैं तुम सँग कदम मिलाऊंगी.... जब फरहरेगी सूर्यकिरण.... मैं मोती सी चमक उठूंगी.... ओस की बूंद की भांति हो जीवन मेरा....., तुमसे शुरू तुम पर ही अंत हो............., तुम पर ही रोशन होना....... तुम पर ही निस्तब्ध हो...... जब आए भरी दोपरहिया... मैं पवन में विलीन हो जाऊंगी......, वो वियोग विछोह की पीड़ा लिए....... तुमपर अपनी ऊष्मा छोड़ जाऊँगी............... जब फेहरेगी सूर्यकिरण...... मैं मोती सी चमक उठूंगी........!!!! ©Priyanjali

#कविता #nojotowriters #nojotopoetry #NojotoWriter #droplets  तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे....
मैं ओस की बूंद की भांति........
   तुम पर गिर जाऊँगी.........
         मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना.....,
अपने पर थाम लेना मुझको.......
जब फेहरेगि सूर्यकिरण.......
        मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!!

      तुम पवन सँग क्रीड़ा करना......
ताल से ताल मिलाना........
    लहलहाते हुए नृत्य करना......
     मैं तुम सँग कदम मिलाऊंगी....
जब फरहरेगी सूर्यकिरण....
मैं मोती सी चमक उठूंगी....

ओस की बूंद की भांति हो जीवन मेरा.....,
तुमसे शुरू तुम पर ही अंत हो.............,
तुम पर ही रोशन होना.......
तुम पर ही निस्तब्ध हो......
जब आए भरी दोपरहिया...
         मैं पवन में विलीन हो जाऊंगी......,
             वो वियोग विछोह की पीड़ा लिए.......
तुमपर अपनी ऊष्मा छोड़ जाऊँगी...............
जब फेहरेगी सूर्यकिरण......
         मैं मोती सी चमक उठूंगी........!!!!

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तुम हरे पत्ते से थाम लेना मुझे.... मैं ओस की बूंद की भांति........ तुम पर गिर जाऊँगी......... मुझे आलिंगनबद्ध कर लेना....., अपने पर थाम लेना मुझको....... जब फेहरेगि सूर्यकिरण....... मैं मोती सी चमक उठूंगी.....!!!

49 Love

नारी मन........!! निश्छल........! पर कुंठित भी.....!! ममता की पराकाष्ठा...........! स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...! क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण...........................! अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!! नारी मन.........!!! प्रेम के लिए व्याकुल............... विरह की अग्नि में जला भी.....!! न कोई विरोध न अभियोग........ लाख संभाले चुनरिया............. परन्तु दाग लग ही जाते समाज की..........!!! नारी मन में..........................! आते सवालों के भूचाल भी.....!! पर नारी..... सबकी मंगलकामना करती.......! रक्खे कितने व्रत उपवास भी......!! विधवा होते ही कभी कहलाए अपशगुन..............! कभी कहलाए डायन, समाज के लिए अभिशाप भी....!! फिर भी एक नारी...................! मूक बनी रहती है....................! प्रश्नों की सुनामी रहते मन में...... पर मुख से कुछ नहीं कहती है....!! सबको खुश करने में.......................!! हर इल्जाम अपने सर लेती है..........!!! ©Priyanjali

#कविता #nojotowriters #nojotopoetry #NojotoWriter #Rose  नारी मन........!!
     निश्छल........!
          पर कुंठित भी.....!! 
ममता की पराकाष्ठा...........!
स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...!
क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण...........................! 
अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!!

नारी मन.........!!!
प्रेम के लिए व्याकुल...............
विरह की अग्नि में जला भी.....!!
न कोई विरोध न अभियोग........
लाख संभाले चुनरिया............. 
परन्तु दाग लग ही जाते समाज की..........!!!

नारी मन में..........................!
आते सवालों के भूचाल भी.....!!
पर नारी.....
 सबकी मंगलकामना करती.......!
   रक्खे कितने व्रत उपवास भी......!!
विधवा होते ही कभी कहलाए अपशगुन..............!
कभी कहलाए डायन, समाज के लिए अभिशाप भी....!!

फिर भी एक नारी...................!
मूक बनी रहती है....................!
    प्रश्नों की सुनामी रहते मन में......
               पर मुख से कुछ नहीं कहती है....!!
           सबको खुश करने में.......................!!
         हर इल्जाम अपने सर लेती है..........!!!

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नारी मन........!! निश्छल........! पर कुंठित भी.....!! ममता की पराकाष्ठा...........! स्नेह पूर्ण, प्रेम में द्रवित भी...! क्षोभरहित तो कभी क्षोभ पूर्ण............! अपने खुशियों का गला घोंटे उसका पश्चाताप भी....!!

37 Love

वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी...... वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......! शायद एहसास हो गया था उसे सच का.......... बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!! समाज के बहाने.....! सास के ताने..........! शायद मिल जायें कुछ बहाने...................... सोच के सागर में डुबकी लगाए जा रही थी.....! शायद एहसास हो गया था उसे सच का.......... बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!! वंश बढ़ाने की ये कैसी प्रथा है..., स्त्री बिना वंश कैसे बढ़ता है.....! फिर वंश के लिए सिर्फ़ बेटा ही पर्याप्त कैसे........ बेटी नहीं होगी तो बेटे पेड़ पे उगेंगे जैसे............ !! दोगलेपन से भरे समाज के............ मंदबुद्धि सोच पे हँसे जा रही थी.....!! शायद एहसास हो गया था उसे सच का.......... बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी........!! ©Priyanjali

#कविता #SuperBloodMoon  वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी......      
     वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......!      
     शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
            बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!!

  समाज के बहाने.....!
   सास के ताने..........!
शायद मिल जायें कुछ बहाने......................
 सोच के सागर में डुबकी लगाए जा रही थी.....!
     शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
              बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!!

वंश बढ़ाने की ये कैसी प्रथा है...,
स्त्री बिना वंश कैसे बढ़ता है.....!
फिर वंश के लिए सिर्फ़ बेटा ही पर्याप्त कैसे........
  बेटी नहीं होगी तो बेटे पेड़ पे उगेंगे जैसे............ !!
दोगलेपन से भरे समाज के............
  मंदबुद्धि सोच पे हँसे जा रही थी.....!!
  शायद एहसास हो गया था उसे सच का..........     
            बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी........!!

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वो अंतर्द्वंद्व के अग्नि में जली जा रही थी...... वो द्विधावोध से द्विधाग्रस्त हुए जा रही थी......! शायद एहसास हो गया था उसे सच का.......... बेटा नहीं बेटी गर्भ में उसके पंख पसारे जा रही थी......!! समाज के बहाने.....! सास के ताने..........! शायद मिल जायें कुछ बहाने...................

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