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ऐसी किस्मत लिखवा कर लाए हैं , कि चारों तरफ गमों के साए हैं। गैरों में कहां दम था ,हमने तो अपनों से ही धोखे खाए हैं। 🥀🥀🥀🥀🥀 ©SONU BARKHANE

#शायरी #lightning  ऐसी किस्मत लिखवा कर लाए हैं ,
कि चारों तरफ गमों के साए हैं। 
गैरों में कहां दम था ,हमने तो अपनों से ही धोखे खाए हैं।
🥀🥀🥀🥀🥀

©SONU BARKHANE

#lightning

10 Love

न थी सूरत मेरी न कोई सीरत थी फिर क्यूं उसने मुझसे मुहब्बत की मिल जायेगा उसे हमसे बेहतर कोई इसलिये हमने उसकी न चाहत की ©संजय श्रीवास्तव

#शायरी #lightning  न थी सूरत मेरी न कोई सीरत थी
फिर क्यूं उसने मुझसे मुहब्बत की
मिल जायेगा उसे हमसे बेहतर कोई
इसलिये हमने उसकी  न चाहत की

©संजय श्रीवास्तव

#lightning

12 Love

#திகில்

lighting

117 View

मन्दं मन्दं पवनस्सरति, अस्या भूम्यास्तापं हरति। मेघो वर्षति सिंहो गर्जति, मयूरनृत्यं मनो हर्षति।। हवा मन्द गति से बह रही है और इस धरा के ताप को शोषित कर रही है मेघ बरस रहा है, सिंह गरज रहा है और मयूर का नृत्य सभी के मनों को आह्लादित कर रहा है । शनै: शनै: मण्डूक: कूर्दति, कृषक: क्षेत्रे बीजं वपति। कूपो भरति जन्तुश्चरति, बालो नद्यां हर्षेण तरति।। मेंढ़क धीरे धीरे कूर्दन कर रहा है,किसान खेत में बीज बो रहे हैं वर्षा के द्वारा कुआं भरा जा रहा है पशु चर रहे हैं और बच्चे प्रमुदित होकर नदी में तैर रहे हैं। पक्षी कूजति पिको गायति, दृश्योऽयन्निश्चयो विभाति। बाल: क्षिप्रं भवनं याति, ग्वालो धेनुङ्गेहन्नयति।। पक्षी कूजन में तल्लीन है कोयल गायन में संरत है बच्चे शीघ्रातिशीघ्र गृहप्रस्थान कर रहे हैं, ग्वाला भी गाय को लेकर वासस्थल पर जा रहा है अहो यह दृश्य निश्चित ही सबके मनों को हरने वाली है। कवि:-अभिषेककुमार:✍️✍️ ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#lightning  मन्दं मन्दं पवनस्सरति,
अस्या भूम्यास्तापं हरति।
मेघो वर्षति सिंहो गर्जति,
मयूरनृत्यं मनो हर्षति।।

हवा मन्द गति से बह रही है और इस धरा के ताप को शोषित कर रही है मेघ बरस रहा है, सिंह गरज रहा है और मयूर का नृत्य सभी के मनों को आह्लादित कर रहा है ।

शनै: शनै: मण्डूक: कूर्दति,
कृषक: क्षेत्रे बीजं वपति।
कूपो भरति जन्तुश्चरति,
बालो नद्यां हर्षेण तरति।।

मेंढ़क धीरे धीरे कूर्दन कर रहा है,किसान खेत में बीज बो रहे हैं 
वर्षा के द्वारा कुआं भरा जा रहा है पशु चर रहे हैं और बच्चे प्रमुदित होकर नदी में तैर रहे हैं।

पक्षी कूजति पिको गायति,
दृश्योऽयन्निश्चयो विभाति।
बाल: क्षिप्रं भवनं याति,
ग्वालो धेनुङ्गेहन्नयति।।

पक्षी कूजन में तल्लीन है कोयल गायन में संरत है बच्चे शीघ्रातिशीघ्र गृहप्रस्थान कर रहे हैं, ग्वाला भी गाय को लेकर वासस्थल पर जा रहा है 
अहो यह दृश्य निश्चित ही सबके मनों को हरने वाली है।

कवि:-अभिषेककुमार:✍️✍️

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#lightning

14 Love

किस तरफ़ को चलती है अब हवा नहीं मालूम, हाथ उठा लिए सबने और दुआ नही मालूम। आज सबको दावा है अपनी-अपनी चाहत का, कौन किससे होता कल जुदा नहीं मालूम। मंजिलों की तब्दीली बस नज़र में रहती है, हम भी होते जा रहे क्या से क्या नही मालूम। हम फ़राज़ शेरों से दिल के ज़ख्म भरते हैं, क्या करें मसीहे को दवा नही मालूम। , ©सम्राठ

#lightning  किस तरफ़ को चलती है अब हवा नहीं मालूम,
हाथ उठा लिए सबने और दुआ नही मालूम।

आज सबको दावा है अपनी-अपनी चाहत का,
कौन किससे होता कल जुदा नहीं मालूम।

मंजिलों की तब्दीली बस नज़र में रहती है,
हम भी होते जा रहे क्या से क्या नही मालूम।

हम फ़राज़ शेरों से दिल के ज़ख्म भरते हैं,
क्या करें मसीहे को दवा नही मालूम।








,

©सम्राठ

#lightning

9 Love

#lightning  रात भर रात को एक रात जगाया जाए,
उसे मालूम तो हो हम पे गुज़रती क्या है !!

©Vj Modgil

#lightning

153 View

ऐसी किस्मत लिखवा कर लाए हैं , कि चारों तरफ गमों के साए हैं। गैरों में कहां दम था ,हमने तो अपनों से ही धोखे खाए हैं। 🥀🥀🥀🥀🥀 ©SONU BARKHANE

#शायरी #lightning  ऐसी किस्मत लिखवा कर लाए हैं ,
कि चारों तरफ गमों के साए हैं। 
गैरों में कहां दम था ,हमने तो अपनों से ही धोखे खाए हैं।
🥀🥀🥀🥀🥀

©SONU BARKHANE

#lightning

10 Love

न थी सूरत मेरी न कोई सीरत थी फिर क्यूं उसने मुझसे मुहब्बत की मिल जायेगा उसे हमसे बेहतर कोई इसलिये हमने उसकी न चाहत की ©संजय श्रीवास्तव

#शायरी #lightning  न थी सूरत मेरी न कोई सीरत थी
फिर क्यूं उसने मुझसे मुहब्बत की
मिल जायेगा उसे हमसे बेहतर कोई
इसलिये हमने उसकी  न चाहत की

©संजय श्रीवास्तव

#lightning

12 Love

#திகில்

lighting

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मन्दं मन्दं पवनस्सरति, अस्या भूम्यास्तापं हरति। मेघो वर्षति सिंहो गर्जति, मयूरनृत्यं मनो हर्षति।। हवा मन्द गति से बह रही है और इस धरा के ताप को शोषित कर रही है मेघ बरस रहा है, सिंह गरज रहा है और मयूर का नृत्य सभी के मनों को आह्लादित कर रहा है । शनै: शनै: मण्डूक: कूर्दति, कृषक: क्षेत्रे बीजं वपति। कूपो भरति जन्तुश्चरति, बालो नद्यां हर्षेण तरति।। मेंढ़क धीरे धीरे कूर्दन कर रहा है,किसान खेत में बीज बो रहे हैं वर्षा के द्वारा कुआं भरा जा रहा है पशु चर रहे हैं और बच्चे प्रमुदित होकर नदी में तैर रहे हैं। पक्षी कूजति पिको गायति, दृश्योऽयन्निश्चयो विभाति। बाल: क्षिप्रं भवनं याति, ग्वालो धेनुङ्गेहन्नयति।। पक्षी कूजन में तल्लीन है कोयल गायन में संरत है बच्चे शीघ्रातिशीघ्र गृहप्रस्थान कर रहे हैं, ग्वाला भी गाय को लेकर वासस्थल पर जा रहा है अहो यह दृश्य निश्चित ही सबके मनों को हरने वाली है। कवि:-अभिषेककुमार:✍️✍️ ©Abhishek Choudhary Sanskrit

#lightning  मन्दं मन्दं पवनस्सरति,
अस्या भूम्यास्तापं हरति।
मेघो वर्षति सिंहो गर्जति,
मयूरनृत्यं मनो हर्षति।।

हवा मन्द गति से बह रही है और इस धरा के ताप को शोषित कर रही है मेघ बरस रहा है, सिंह गरज रहा है और मयूर का नृत्य सभी के मनों को आह्लादित कर रहा है ।

शनै: शनै: मण्डूक: कूर्दति,
कृषक: क्षेत्रे बीजं वपति।
कूपो भरति जन्तुश्चरति,
बालो नद्यां हर्षेण तरति।।

मेंढ़क धीरे धीरे कूर्दन कर रहा है,किसान खेत में बीज बो रहे हैं 
वर्षा के द्वारा कुआं भरा जा रहा है पशु चर रहे हैं और बच्चे प्रमुदित होकर नदी में तैर रहे हैं।

पक्षी कूजति पिको गायति,
दृश्योऽयन्निश्चयो विभाति।
बाल: क्षिप्रं भवनं याति,
ग्वालो धेनुङ्गेहन्नयति।।

पक्षी कूजन में तल्लीन है कोयल गायन में संरत है बच्चे शीघ्रातिशीघ्र गृहप्रस्थान कर रहे हैं, ग्वाला भी गाय को लेकर वासस्थल पर जा रहा है 
अहो यह दृश्य निश्चित ही सबके मनों को हरने वाली है।

कवि:-अभिषेककुमार:✍️✍️

©Abhishek Choudhary Sanskrit

#lightning

14 Love

किस तरफ़ को चलती है अब हवा नहीं मालूम, हाथ उठा लिए सबने और दुआ नही मालूम। आज सबको दावा है अपनी-अपनी चाहत का, कौन किससे होता कल जुदा नहीं मालूम। मंजिलों की तब्दीली बस नज़र में रहती है, हम भी होते जा रहे क्या से क्या नही मालूम। हम फ़राज़ शेरों से दिल के ज़ख्म भरते हैं, क्या करें मसीहे को दवा नही मालूम। , ©सम्राठ

#lightning  किस तरफ़ को चलती है अब हवा नहीं मालूम,
हाथ उठा लिए सबने और दुआ नही मालूम।

आज सबको दावा है अपनी-अपनी चाहत का,
कौन किससे होता कल जुदा नहीं मालूम।

मंजिलों की तब्दीली बस नज़र में रहती है,
हम भी होते जा रहे क्या से क्या नही मालूम।

हम फ़राज़ शेरों से दिल के ज़ख्म भरते हैं,
क्या करें मसीहे को दवा नही मालूम।








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©सम्राठ

#lightning

9 Love

#lightning  रात भर रात को एक रात जगाया जाए,
उसे मालूम तो हो हम पे गुज़रती क्या है !!

©Vj Modgil

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