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New ज़ुल्मी संग आँख लड़ी Status, Photo, Video

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#कविता  White ता उम्र हमने रात जगे करके जिंदगी की 
न जाने कितनी राते   अबतक गुज़ारी  है 

इसीलिए जितने भी ख्वाबों से हम मुख़ातिब हुऐ  वे सब खुली आँखों के ख्वाब है

©Arora PR

खुली आँख के ख्वाब

135 View

#शायरी

एक संग दिल से

99 View

नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है। मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है। फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का, इसीलिए हर आशिक दरबदर और बेमुकाम होते है। ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है।
मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है।
फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का,
इसीलिए हर आशिक  दरबदर और बेमुकाम होते है।

©Anand Ji Mayura Ji

प्रेम रंग आनंद के संग

16 Love

रंग बिरंगे, खुशियों के त्योहार है होली। प्रेम प्यार, और मिलन का उपहार है होली। ©Anand Ji Mayura Ji

#कविता  रंग बिरंगे, खुशियों के त्योहार है होली।
प्रेम प्यार, और मिलन का उपहार है होली।

©Anand Ji Mayura Ji

होली के रंग आनंद के संग

9 Love

#भोजपुरी #साहित्य #कविता होली में भौजी लागेली छिछोरी। पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती। बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे, मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।। बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी। दहीबड़ा भीतर से रूई भी मिली। फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला, नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।। ✍️गुडिया तिवार ©गुड़िया तिवारी

 #भोजपुरी #साहित्य #कविता 

होली  में  भौजी लागेली छिछोरी।
पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती।
बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे,
मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।।

बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी।
दहीबड़ा भीतर  से रूई भी मिली।
फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला,
नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।।

✍️गुडिया तिवार

©गुड़िया तिवारी

#Holi #भौजी संग होली

12 Love

कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #Holi  कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग।
आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग।
जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर -
पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।।

वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर,
बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर।
मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास-
बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।।

बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत,
रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति।
यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग-
नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।।

अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग।
मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में  भर रंग।
संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत-
अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।।

                   वीणा खंडेलवाल
                  तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#Holi होली किसके संग

14 Love

#कविता  White ता उम्र हमने रात जगे करके जिंदगी की 
न जाने कितनी राते   अबतक गुज़ारी  है 

इसीलिए जितने भी ख्वाबों से हम मुख़ातिब हुऐ  वे सब खुली आँखों के ख्वाब है

©Arora PR

खुली आँख के ख्वाब

135 View

#शायरी

एक संग दिल से

99 View

नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है। मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है। फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का, इसीलिए हर आशिक दरबदर और बेमुकाम होते है। ©Anand Ji Mayura Ji

#शायरी  नही मयस्सर सभी को हासिल ए मुकाम होते है।
मौसम बदलते ही सर्दी खासी और जुकाम होते है।
फिर हंसकर पी जाते है, जहर जुदाई का,
इसीलिए हर आशिक  दरबदर और बेमुकाम होते है।

©Anand Ji Mayura Ji

प्रेम रंग आनंद के संग

16 Love

रंग बिरंगे, खुशियों के त्योहार है होली। प्रेम प्यार, और मिलन का उपहार है होली। ©Anand Ji Mayura Ji

#कविता  रंग बिरंगे, खुशियों के त्योहार है होली।
प्रेम प्यार, और मिलन का उपहार है होली।

©Anand Ji Mayura Ji

होली के रंग आनंद के संग

9 Love

#भोजपुरी #साहित्य #कविता होली में भौजी लागेली छिछोरी। पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती। बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे, मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।। बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी। दहीबड़ा भीतर से रूई भी मिली। फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला, नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।। ✍️गुडिया तिवार ©गुड़िया तिवारी

 #भोजपुरी #साहित्य #कविता 

होली  में  भौजी लागेली छिछोरी।
पहिने के साड़ी पहिने कोरी धोती।
बइठे चुहानी पुआ पकवान बनावे,
मसखरा में रंग पुआ फेटी में घोरी।।

बनावेली पकौड़ी चुन चइली चुनी।
दहीबड़ा भीतर  से रूई भी मिली।
फुलौरी तिलौरी खा के मन डेराला,
नाजाने गुझिया ठेकुआ में का मिली।।

✍️गुडिया तिवार

©गुड़िया तिवारी

#Holi #भौजी संग होली

12 Love

कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग। आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग। जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर - पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।। वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर, बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर। मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास- बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।। बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत, रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति। यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग- नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।। अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग। मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में भर रंग। संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत- अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।। वीणा खंडेलवाल तुमसर महाराष्ट्र ©veena khandelwal

#कविता #Holi  कान्हा प्रीत का रंग चढ़ा,संग चढ़ी है भंग।
आंखें कान्हा ढूंढती,डालूं उन पर रंग।
जन जन से मग पूछती, कहां छिपा चितचोर -
पूछे रंग गुलाल भी,होली किसके संग।।

वृंदावन कोई कहे ,जॅंह कदंब अरु मोर,
बरसाना की राधिका,गये कृष्ण उस ओर।
मधुबन में कोई कहे,दिखे कर रहे रास-
बरसाने -नॅंदगांव तक, ढूंढ रही हर ठौर।।

बरसाने की राधिका, कान्हा की जो प्रीत,
रंगे बिहारी संग उन, यही है ब्रज की निति।
यमुना तट बेनू अधर,गोपि ग्वाल के संग-
नहीं हृदय तो चरण में,जगह मिले यह रीति।।

अंतस प्रिय कान्हा बिना,होली किसके संग।
मतवाली सी घूमती , मुट्ठी में  भर रंग।
संग किशन राधा दिखी,समझी तब मैं प्रीत-
अब अखियन जल सींचती,जुगल जोड़ि के अंग।।

                   वीणा खंडेलवाल
                  तुमसर महाराष्ट्र

©veena khandelwal

#Holi होली किसके संग

14 Love

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