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#कविता #nojotohindi #Yoga  White पल्लव की डायरी
ताजगी तन मन की हो
भुजाओ में बल भर लो
योग और प्राणायाम करके
स्वस्थ्य शरीर और आत्मा को जोड़ लो
सतत ऊर्जा बह रही ब्राह्मण में
ध्यान की धारा उससे जोड़ लो
भोगवाद ही पतन का कारण है
जीने के साधन कम कर दो
योग सिर्फ साध्य है शरीर और आत्मा का 
भगवत्ता के दर्शन खुद अंतर्मन में कर लो
                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Yoga ताजगी तन मन की हो भुजाओ में बल भर लो #nojotohindi

144 View

#Couple  White वो दिल किस काम ❤️
का जिसमें ख्याल 
न हो आपका...❤️!

©Dr Anoop

#Couple वो दिल किस काम का जिसमें ख्याल न हो आपका...! @Sangeet...

288 View

#अभिमान #कविता  अलग अलग प्रकार के व्यंजन
जो तु मंहगे-मंहगे होटलों में खाता है
हमें देखकर जो तु घिन्नाता है
उगाते है उन फसलों को
ये घिन्नौने हाथ ही
तो बता न
इन घिन्नौने हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

बड़े- बडे मकानों में
जो तु आराम फर्माता है
देख हमारी झोपड़ी जो तु इसे धब्बा बताता है
बनाते हैं उन मकानों को
ये धब्बिले हाथ ही
तो बता न
इन धब्बिले हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

मंहगे मंहगे कपड़े पहन
जो तु इठलाता है
देख मैले कुच्चे कपडो को हमारी
जो तु निच दृष्टि डालता है
बुनते है उन कपडो को
ये मैले कुचले हाथ ही
तो बता न
इन मैले कुचले हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

तेरा पेट भरते है
तुझे स्वच्छ, स्वस्थ्य रखते हैं
महलों में बिठा तुझे , खुद झोपड़ी में रहते हैं
गाड़ी में बिठा तुझे, खुद पैदल ही चलते हैं
खुदपर अभिमान करते नहीं 
       लेकिन
तुम भी सम्मान करते नहीं

तुम्हारी नजरों में जब हमारा सम्मान नही
तो बता अभिमान क्यों नहीं?

©कलम की दुनिया

#अभिमान क्यों न हो

144 View

#शायरी

वो गाँव ही क्या,जिसकी सड़क कच्ची न हो। सुना सुना लगता है वो आंगन, जिसमें बच्चे न हो।

90 View

#लव  तेरी हर बात को अपने, सरआँखों पर तो रखती हूं,
फिर भी रूठे ही रहते हो, क्यूं न तुम बात करते हो..?

बहुत बेदर्द हो तुम, जान से जाऊं तो मैं जाऊं,
जताकर प्रेम को अपने, क्यूं न फरियाद करते हो..?

फलसफा प्रेम का तुमको, समझ आता नहीं शायद,
मुकर जाते हो नज़रों से, न हमको याद करते हो..!

सुबह से शाम हो जाती है, तकते राह जब तेरी,
ठहर जाती हैं तुझ पर ही, नजरें आबाद करते हो।।

🍁🍁🍁

©Neel

न हमको याद करते हो🍁

1,998 View

White हो न मुलाकात ऐसी, बेवज़ह की बात जैसी, चाँदनी सी हमसफ़र हो, पूर्णिमा के रात जैसी, हो मिलन का वक़्त लंबा, दिवस के शुरुआत जैसी, बोल कड़वे लगे सबको, हृदय पर आघात जैसी, दर्द और मुस्कान दोनों, हम-नवा दिन-रात जैसी, बिन लड़े ही हार जाना, कष्टप्रद है मात जैसी, बेबसी क्या चीज 'गुंजन', गरीबों के खाट जैसी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #हो  White हो  न  मुलाकात ऐसी, 
बेवज़ह की बात जैसी,

चाँदनी सी हमसफ़र हो, 
पूर्णिमा  के  रात  जैसी,

हो मिलन का वक़्त लंबा, 
दिवस के शुरुआत जैसी,

बोल  कड़वे  लगे सबको, 
हृदय  पर  आघात  जैसी,

दर्द  और  मुस्कान  दोनों, 
हम-नवा  दिन-रात जैसी,

बिन  लड़े ही  हार  जाना, 
कष्टप्रद   है   मात  जैसी,

बेबसी क्या चीज 'गुंजन', 
गरीबों  के  खाट   जैसी,
  --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#हो न मुलाक़ात ऐसी#

13 Love

#कविता #nojotohindi #Yoga  White पल्लव की डायरी
ताजगी तन मन की हो
भुजाओ में बल भर लो
योग और प्राणायाम करके
स्वस्थ्य शरीर और आत्मा को जोड़ लो
सतत ऊर्जा बह रही ब्राह्मण में
ध्यान की धारा उससे जोड़ लो
भोगवाद ही पतन का कारण है
जीने के साधन कम कर दो
योग सिर्फ साध्य है शरीर और आत्मा का 
भगवत्ता के दर्शन खुद अंतर्मन में कर लो
                                   प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#Yoga ताजगी तन मन की हो भुजाओ में बल भर लो #nojotohindi

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#Couple  White वो दिल किस काम ❤️
का जिसमें ख्याल 
न हो आपका...❤️!

©Dr Anoop

#Couple वो दिल किस काम का जिसमें ख्याल न हो आपका...! @Sangeet...

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#अभिमान #कविता  अलग अलग प्रकार के व्यंजन
जो तु मंहगे-मंहगे होटलों में खाता है
हमें देखकर जो तु घिन्नाता है
उगाते है उन फसलों को
ये घिन्नौने हाथ ही
तो बता न
इन घिन्नौने हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

बड़े- बडे मकानों में
जो तु आराम फर्माता है
देख हमारी झोपड़ी जो तु इसे धब्बा बताता है
बनाते हैं उन मकानों को
ये धब्बिले हाथ ही
तो बता न
इन धब्बिले हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

मंहगे मंहगे कपड़े पहन
जो तु इठलाता है
देख मैले कुच्चे कपडो को हमारी
जो तु निच दृष्टि डालता है
बुनते है उन कपडो को
ये मैले कुचले हाथ ही
तो बता न
इन मैले कुचले हाथों पर
अभिमान क्यों न हो? 

तेरा पेट भरते है
तुझे स्वच्छ, स्वस्थ्य रखते हैं
महलों में बिठा तुझे , खुद झोपड़ी में रहते हैं
गाड़ी में बिठा तुझे, खुद पैदल ही चलते हैं
खुदपर अभिमान करते नहीं 
       लेकिन
तुम भी सम्मान करते नहीं

तुम्हारी नजरों में जब हमारा सम्मान नही
तो बता अभिमान क्यों नहीं?

©कलम की दुनिया

#अभिमान क्यों न हो

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#शायरी

वो गाँव ही क्या,जिसकी सड़क कच्ची न हो। सुना सुना लगता है वो आंगन, जिसमें बच्चे न हो।

90 View

#लव  तेरी हर बात को अपने, सरआँखों पर तो रखती हूं,
फिर भी रूठे ही रहते हो, क्यूं न तुम बात करते हो..?

बहुत बेदर्द हो तुम, जान से जाऊं तो मैं जाऊं,
जताकर प्रेम को अपने, क्यूं न फरियाद करते हो..?

फलसफा प्रेम का तुमको, समझ आता नहीं शायद,
मुकर जाते हो नज़रों से, न हमको याद करते हो..!

सुबह से शाम हो जाती है, तकते राह जब तेरी,
ठहर जाती हैं तुझ पर ही, नजरें आबाद करते हो।।

🍁🍁🍁

©Neel

न हमको याद करते हो🍁

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White हो न मुलाकात ऐसी, बेवज़ह की बात जैसी, चाँदनी सी हमसफ़र हो, पूर्णिमा के रात जैसी, हो मिलन का वक़्त लंबा, दिवस के शुरुआत जैसी, बोल कड़वे लगे सबको, हृदय पर आघात जैसी, दर्द और मुस्कान दोनों, हम-नवा दिन-रात जैसी, बिन लड़े ही हार जाना, कष्टप्रद है मात जैसी, बेबसी क्या चीज 'गुंजन', गरीबों के खाट जैसी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #हो  White हो  न  मुलाकात ऐसी, 
बेवज़ह की बात जैसी,

चाँदनी सी हमसफ़र हो, 
पूर्णिमा  के  रात  जैसी,

हो मिलन का वक़्त लंबा, 
दिवस के शुरुआत जैसी,

बोल  कड़वे  लगे सबको, 
हृदय  पर  आघात  जैसी,

दर्द  और  मुस्कान  दोनों, 
हम-नवा  दिन-रात जैसी,

बिन  लड़े ही  हार  जाना, 
कष्टप्रद   है   मात  जैसी,

बेबसी क्या चीज 'गुंजन', 
गरीबों  के  खाट   जैसी,
  --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#हो न मुलाक़ात ऐसी#

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