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New लौटाई नानी Status, Photo, Video

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रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।। जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों । बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।। दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते । मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।। फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते । नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।। रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में । हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।। रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के । वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।। चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते । तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-
रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी ।
बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।।
रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों ।
बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।।
जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों ।
बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।।
दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते ।
मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।।
फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते ।
नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।।
रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में ।
हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।।
रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के ।
वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।।
चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते ।
तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य

12 Love

#शायरी  White बड़ी खामोशी से तुम भी
 देख रही थी चांद मेने देखा 
क्या मालूम है तुमको ये
 क्यू खामोश चमक रहा  है 
 अकेला तारो के साथ  में 
इसको भी अपनी चांदनी 
की याद सता रही हैं 
क्युकी चांद की दुल्हन भी 
बच्चो को लेकर नानी के गई हैं छुट्टियों में 
समझी मेरी बात तुम कब आ रही हो घर !

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

# बड़ी खामोशी से तुम भी देख रही थी चांद मेने देखा क्या मालूम है तुमको ये क्यू खामोश चमक रहा है अकेला तारो के साथ में इसको भी अपनी चा

117 View

#परिवार #रिश्ते #familyiseverything #कविता #संसार #परवाह  White परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है 
परिवार है अच्छे जीवन का आधार 
परिवार मे समाहित सबकी परवा
 व प्यार सुख-दुःख मे सबके काम आता है 

परिवार हर रिश्ते का अलग-अलग महत्व है 
परिवार मे परिवार के बिना सूना लगता है 
संसार माँ की ममता पिता की परवाह है 
परिवार मे भाई-बहन कभी झगड़ते कभी हँसते है

साथ मे दादा-दादी हो या नाना-नानी करते कितना दुलार
 गलती पर पापा डॉटे तो बुआ लेती है पुचकार
मासी होती माँ जैसी कितना स्नेह लूटाती है
मामा आशिर्वाद संग लाते कितने सारे उपहार

परिवार मे समाहित सबकी परवाह और प्यार 
परिवार तो कई रिश्तो से मिलकर बनता है

©Shivkumar बेजुबान शायर

#love_shayari #Family #familylove #lovefamily #familyiseverything #Nojoto #परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है परिवार है अच्छे जीवन का आ

144 View

#चुनाव #नानी  White 'नानी' याद आ गई 😂😂😂😂😂

















नाय.................  नीती...🥰

©BANDHETIYA OFFICIAL

#नानी याद आ गई 🥰

90 View

#पुरानेदिनकेविद्यालय #कविता   पुराने दिनों के विद्यालय 

उन दिनों की बात ही न कीजिए 
जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय 
जब झोला उठाए, पहुंच गए घर 
बस रास्ते होते थे अलग अलग 
बस बहाने होते थे अलग अलग 
जाते थे तो एक बड़े से गेट से 
निकलते थे अलग अलग रास्तों से 
कहीं दिवाल फान कर तो 
कहीं कटीले तारों के बीच से 
कभी खुद का पेट दुख रहा है के बहाने से 
कभी दोस्त का दुख रहा है के बहाने से 
हद तो तब कर देते थे 
जब पापा मम्मी बीमार ही हो जाते थे 
उससे भी ज्यादा हद तब करके निकल जाते थे 
जब अपनी नाना नानी दादा दादी को ही 
मार देते थे आधे दिन की छुट्टी के लिए 
मार भी मिलती थी मास्टर से बहुत 
जब मौका मिलता था मौका फिर से 
कोई बहाना तरकीब निकाल निकल लेते थे 
वो दिन बड़े सुहाने थे 
न बोझ था न तनाव था 
जितनी हरियाली खेतो में थी 
उतनी हरियाली हमारे मनो में थी 
एक दूसरे के घर वालों को हर रोज मारकर 
हम सभी दोस्त एक ही रिक्शा में सवार हो घर जाते थे 
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

©AJAY NAYAK

#पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस

180 View

#गर्मियों #खुशियां #रास्ते #छुट्टी #कविता #मस्ती  White गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में अपने खुशियां लाई
नानी के घर जाएंगे
रास्ते में कुल्फी खाएंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में मौज मस्ती लाई
सुबह देर तक सोते रहेंगे
खेलते वक्त शीशे तोड़ा करेंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में चिलचिलाती धूप लाई
खूब देर तक खेला करेंगे
ठंडी-ठंडी ठंडाई पिया करेंगे

©Shivkumar

#summer_vacation #summervacation #Summer #Nojoto #गर्मियों की #छुट्टी आई साथ में अपने #खुशियां लाई नानी के घर जाएंगे #रास्ते में कुल

342 View

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।। जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों । बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।। दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते । मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।। फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते । नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।। रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में । हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।। रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के । वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।। चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते । तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  रोला छन्द :-
रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी ।
बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।।
रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों ।
बाकी यह संसार , सदा कुंठित ही मानों ।।
जीवन है अनमोल ,  अगर रिश्ते पहचानों ।
बिन अपनों के व्यर्थ , आप ये जीवन मानों ।।
दादा-दादी नित्य , नेह की बारिश करते ।
मातु-पिता है देव , शरण हम उनकी पलते ।।
फूफा-फूफी देख , खुशी घर में ले आते ।
नाना-नानी गाँव , सैर को हम सब जाते ।।
रखो नही तुम मैल , कभी भी अपने मन में ।
हर रिश्ते का मान , करोगे तुम जीवन में ।।
रिश्ते हैं आधार , हमारे इस जीवन के ।
वही खिलायें पुष्प , मनुज रूपी उपवन के ।।
चलो सँवारे आज , सभी हम अपने रिश्ते ।
तोड़ स्वार्थ दीवार , उठायें जो हैं घिसते ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

रोला छन्द :- रिश्तों का आधार , समझ पाया क्या प्राणी । बोल मधुर क्या आज, बचे हैं उसकी वाणी  ।। रहे हृदय में भाव , उसे तुम मानव जानों । बाकी य

12 Love

#शायरी  White बड़ी खामोशी से तुम भी
 देख रही थी चांद मेने देखा 
क्या मालूम है तुमको ये
 क्यू खामोश चमक रहा  है 
 अकेला तारो के साथ  में 
इसको भी अपनी चांदनी 
की याद सता रही हैं 
क्युकी चांद की दुल्हन भी 
बच्चो को लेकर नानी के गई हैं छुट्टियों में 
समझी मेरी बात तुम कब आ रही हो घर !

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela

# बड़ी खामोशी से तुम भी देख रही थी चांद मेने देखा क्या मालूम है तुमको ये क्यू खामोश चमक रहा है अकेला तारो के साथ में इसको भी अपनी चा

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#परिवार #रिश्ते #familyiseverything #कविता #संसार #परवाह  White परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है 
परिवार है अच्छे जीवन का आधार 
परिवार मे समाहित सबकी परवा
 व प्यार सुख-दुःख मे सबके काम आता है 

परिवार हर रिश्ते का अलग-अलग महत्व है 
परिवार मे परिवार के बिना सूना लगता है 
संसार माँ की ममता पिता की परवाह है 
परिवार मे भाई-बहन कभी झगड़ते कभी हँसते है

साथ मे दादा-दादी हो या नाना-नानी करते कितना दुलार
 गलती पर पापा डॉटे तो बुआ लेती है पुचकार
मासी होती माँ जैसी कितना स्नेह लूटाती है
मामा आशिर्वाद संग लाते कितने सारे उपहार

परिवार मे समाहित सबकी परवाह और प्यार 
परिवार तो कई रिश्तो से मिलकर बनता है

©Shivkumar बेजुबान शायर

#love_shayari #Family #familylove #lovefamily #familyiseverything #Nojoto #परिवार कई रिश्तो से मिलकर बनता है परिवार है अच्छे जीवन का आ

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#चुनाव #नानी  White 'नानी' याद आ गई 😂😂😂😂😂

















नाय.................  नीती...🥰

©BANDHETIYA OFFICIAL

#नानी याद आ गई 🥰

90 View

#पुरानेदिनकेविद्यालय #कविता   पुराने दिनों के विद्यालय 

उन दिनों की बात ही न कीजिए 
जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय 
जब झोला उठाए, पहुंच गए घर 
बस रास्ते होते थे अलग अलग 
बस बहाने होते थे अलग अलग 
जाते थे तो एक बड़े से गेट से 
निकलते थे अलग अलग रास्तों से 
कहीं दिवाल फान कर तो 
कहीं कटीले तारों के बीच से 
कभी खुद का पेट दुख रहा है के बहाने से 
कभी दोस्त का दुख रहा है के बहाने से 
हद तो तब कर देते थे 
जब पापा मम्मी बीमार ही हो जाते थे 
उससे भी ज्यादा हद तब करके निकल जाते थे 
जब अपनी नाना नानी दादा दादी को ही 
मार देते थे आधे दिन की छुट्टी के लिए 
मार भी मिलती थी मास्टर से बहुत 
जब मौका मिलता था मौका फिर से 
कोई बहाना तरकीब निकाल निकल लेते थे 
वो दिन बड़े सुहाने थे 
न बोझ था न तनाव था 
जितनी हरियाली खेतो में थी 
उतनी हरियाली हमारे मनो में थी 
एक दूसरे के घर वालों को हर रोज मारकर 
हम सभी दोस्त एक ही रिक्शा में सवार हो घर जाते थे 
–अjay नायक ‘वशिष्ठ’

©AJAY NAYAK

#पुरानेदिनकेविद्यालय पुराने दिनों के विद्यालय उन दिनों की बात ही न कीजिए जब झोला उठाए, पहुंच गए विद्यालय जब झोला उठाए, पहुंच गए घर बस

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#गर्मियों #खुशियां #रास्ते #छुट्टी #कविता #मस्ती  White गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में अपने खुशियां लाई
नानी के घर जाएंगे
रास्ते में कुल्फी खाएंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में मौज मस्ती लाई
सुबह देर तक सोते रहेंगे
खेलते वक्त शीशे तोड़ा करेंगे

गर्मियों की छुट्टी आई
साथ में चिलचिलाती धूप लाई
खूब देर तक खेला करेंगे
ठंडी-ठंडी ठंडाई पिया करेंगे

©Shivkumar

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